ब्रिटिश संसद: गिलगित-बाल्टिस्तान पर सिर्फ भारत का हक है, पाक का कब्जा अवैध

डीएन ब्यूरो

ब्रिटेन की संसद ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अलग राज्य घोषित करने की पाकिस्तान की योजना की निंदा करने वाला प्रस्ताव पास कर दिया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि यह हिस्सा जम्मू-कश्मीर का अंग है और पाकिस्तान ने 1947 से इस पर गैरकानूनी तौर पर कब्जा कर रखा है।

ब्रिटेन संसद
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लंदन: पाकिस्तान के चार प्रांत हैं- बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध। गिलगित-बाल्टिस्तान के विवादित क्षेत्र को पाकिस्तान अपना पांचवां प्रांत बनाने की फिराक में है। इस क़दम की ब्रिटिश संसद ने भी निंदा की है।  ब्रिटिश संसद ने गिलगित-बाल्टिस्तान को भारत और जम्मू कश्मीर का अभिन्न अंग बताते हुए पाकिस्तान के कब्जे को गैरकानूनी ठहराया है।ब्रिटेन ने साफ कहा कि कानूनी तौर पर गिलगित और बाल्टिस्तान पर भारत का ही अधिकार है क्योंकि पाकिस्तान ने 1947 के बाद से इस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।

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गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र

ब्रिटिश संसद में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन की ओर से 23 मार्च को संसद में प्रस्ताव पेश किया गया था जिसमें कहा कि गया कि पाकिस्तान एक ऐसे भूभाग पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है जो उसका है ही नहीं। इस प्रस्ताव में गिलगित-बाल्टिस्तान को संवैधानिक रूप से भारत के जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बताया गया। सदन में प्रस्ताव पर बोलते हुए बॉब का कहना था कि यदि पाकिस्तान अपने फैसले पर आगे बढ़ता है तो यह क्षेत्र में जनसांख्यिकी में बदलाव करने वाला होगा। उन्होंने इस क्षेत्र में सीपीईसी के हो रहे अवैध निर्माण को लेकर भी पाकिस्तान सरकार की कड़ी आलोचना की।

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गौरतलब है कि 1947 में ब्रिटेन से मिली आजादी के साथ हुए बंटवारे के वक्त से ही भारत गिलगित-बाल्टिस्तान को ऐतिहासिक और भूगोलीय आधारों पर अपना बताता आया है। उस वक्त ब्रिटिश राज्य की सीमाओं के मुताबिक ही भारत और पाकिस्तान के विभाजन की शर्तें तय की गई थीं। ऐसे में ब्रिटिश संसद में पारित यह प्रस्ताव भारतीय पक्ष के हिसाब से काफी सकारात्मक है।
 










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