Punjab Politics: पंजाब से बड़ी सियासी उठापटक, सभी मंत्रियों संग सीएम पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिया इस्तीफा
पंजाब में भारी सियासी खींचतान के बाद आज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आखिरकार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया हैं। मुख्यमंत्री के साथ उनके पूरे मंत्रिमंडल ने भी इस्तीफा दे दिया है। पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: पंजाब की सियासत में जारी खींचतान के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल न होते हुए अपने पद से इस्तीफे की घोषणा की। उनके साथ ही सभी मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के लिये कैप्टन अमरिंद राजभवन पहुंचे। अमरिंदर सिंह बतौर सीएम अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। अह पंजाब के नये मुख्यमंत्री को लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गये हैं।
इस्तीफा देने के बाद राजभवन के बाहर से मीडिया को संबोधित करते हुए कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में तीसरी बार यह हुआ है। इससे वह अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुबह ही इस्तीफा देने का फैसला कर लिया था और इसकी जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी दे दी थी।
यह भी पढ़ें |
Punjab Politics: पंजाब की सियासत में बड़ा उलटफेर, सीएम कैप्टन अमरिंदर की कुर्सी खतरे में, जानिये ये बड़ा अपडेट
मीडिया से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ''जिस पर आलाकमान को भरोसा है, उसे पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनाए। मुझे ऐसा लगा कि उन्हें मुझपर भरोसा नहीं है।'' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह अभी कांग्रेस में ही हैं और भविष्य में समय आने पर फैसला लेंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद फिलहाल पंजाब की राजनीति में चल रही खींचतान फिलहाल खत्म हो गई है लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि पंजाब का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। नये मुख्यमंत्री कोौ लेकर नईं खींचतान शुरू हो सकती है।
यह भी पढ़ें |
Prashant Kishor: पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर के प्रधान सलाहकार पद से प्रशांत किशोर का इस्तीफा, कही ये बातें
इससे पहले आज सुबह ऐसी भी खबरें थी कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले ही पार्टी हाईकमान ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांग लिया है। सोनिया गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से इस्तीफा देने को कहा।
बताया जाता है कि इससे पहले सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को फोन किया और उन्हें विश्वास में लिए बिना AICC द्वारा कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाए जाने पर ऐतराज दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह से पार्टी में उन्हें दरकिनार किया जाता रहा तो वो बतौर सीएम बने रहने के इच्छुक नहीं हैं।