CBI Raids in UP: बैंक लोन घोटाले में यूपी के पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के परिवार की कंपनियों पर सीबीआई का छापा

डीएन ब्यूरो

सोमवार को सबसे बड़ी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर आ रही है। खबर है कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने अचानक एक साथ ताबड़तोड़ कई शहरों में 754 करोड़ के बैंक लोन घोटाले मामले में छापेमारी की है। ये छापे यूपी के पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी और उनके बसपा विधायक पुत्र विनय तिवारी के परिवार से जुड़ी कई कंपनियों के ठिकानों पर मारे जा रहे हैं।

पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी (फाइल फोटो)
पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी (फाइल फोटो)


नोएडा/लखनऊ: एक समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में एकछत्र राज करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी (Harishankar Tiwari) की मुसीबत अचानक बढ़ गयी है। वजह है सीबीआई (CBI) के ताबड़तोड़ छापे। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ये छापे एक साथ नोएडा और लखनऊ में मारे गये हैं। राजधानी लखनऊ में पार्क रोड स्थित कंपनी के कार्यालय और गोमतीनगर के आवास के साथ-साथ नोएडा में दो ठिकानों पर एक साथ छापा मारा गया है। इसके पीछे बताया जा रहा है कि 754 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले का मामला है।

हरिशंकर तिवारी के एक पुत्र भीष्म शंकर तिवारी (Bhishma Shankar Tiwari) उर्फ कुशल तिवारी संत कबीर नगर सीट से लोकसभा के सांसद रह चुके हैं तो वही दूसरे पुत्र विनय शंकर तिवारी वर्तमान में गोरखपुर जिले की चिल्लूपार विधानसभा सीट से बसपा के विधायक हैं। खुद तिवारी लोकतांत्रिक कांग्रेस नाम की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

बसपा के पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी

तिवारी खुद 1997 से 2002 तक लोकतांत्रिक कांग्रेस से भाजपा की गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। पूर्वांचल में एक समय इनके परिवार की तूती बोलती थी। ये छापेमारी नोएडा, लखनऊ, गोरखपुर आदि शहरों में की जा रही है।

चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी

सीबीआई और तिवारी परिवार के बयान का इंतजार 

सीबीआई की तरफ से आधिकारिक विवरण का इंतजार है तो वहीं समूचे छापेमारी प्रकरण पर तिवारी परिवार का बयान आना बाकी है। 

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कंपनी के ऑफिस पहुंची सीबीआई टीम ने घंटों दस्तावेज खंगाले साथ ही मौके पर मिले लोगों से पूछताछ की। चर्चा है कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज कंपनी ने बैंक लोन लिया था। इसके बाद लोन की रकम को समय से वापस नहीं किया। इस पर बैंक ने शिकायत की। बैंक ने आरोप लगाया कि बैंक लोन हड़प कर दूसरी जगह निवेश किया गया। इसके बाद ताबड़तोड़ छापेमारी की गयी।

बैंक ने दर्ज करा रखी है एफआईआर

गंगोत्री इंटरप्राइजेज के लिए बैंक लोन लिया गया था। लोन लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग किया गया और बाद में कंपनी ने लोन का भुगतान भी नहीं किया। इस मामले में बैंक ने विनय तिवारी की कंपनी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी।

कई कंपनियां आयी राडार पर 

चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी (Vinay Shankar Tiwari), पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों गंगोत्री इंटरप्राइजेज, मैसर्स रॉयल एंपायर मार्केटिंग लिमिटेड के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। सभी कंपनियां विनय तिवारी से ही जुड़ी हैं। विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज सड़क निर्माण के साथ कांस्ट्रक्शन के काम करती है। 

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23 जुलाई को रखी गयी थी नीलामी

बीते 23 जुलाई को आईडीबीआई बैंक ने तिवारी परिवार से जुड़े 33 लोगों के खिलाफ इनकी संपत्तियों की नीलामी भी रखी थी। उस समय इन्हें समन भी जारी किया गया था। यह मामला काफी दिनों से जांच एजेंसियों के चौखट पर दस्तक दे रहा था लेकिन अब जाकर ताबड़तोड़ छापेमारी की गयी है। 

 










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