मुख्यमंत्री की बेटी के वित्तीय लेनदेन से जुड़े विवाद ने पकड़ा तूल, जानिये ये नया अपडेट
केरल विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी से जुड़ा विवाद न उठाने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के कड़ी आलोचना का सामना करने के एक दिन बाद केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को यूडीएफ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री के जवाब से डरकर इस विवाद को नहीं उठाया।
तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी से जुड़ा विवाद न उठाने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के कड़ी आलोचना का सामना करने के एक दिन बाद केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को यूडीएफ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री के जवाब से डरकर इस विवाद को नहीं उठाया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, माकपा ने यह भी दावा किया कि विजयन की बेटी टी. वीना ने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है और उनकी आईटी कंपनी के सभी सौदे पारदर्शी हैं।
वीना का पुरजोर बचाव करते हुए वरिष्ठ माकपा नेता और इसकी केंद्रीय समिति के सदस्य ए. के. बालन ने कहा कि एक निजी खनिज कंपनी के साथ उनके वित्तीय लेनदेन पर धनशोधन का आरोप टिक नहीं पाएगा, क्योंकि सभी लेनदेन बैंकों के माध्यम से हुए थे।
उन्होंने कहा कि वीना ने अपनी आईटी कंपनी और कोच्चि स्थित कोचिन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) के बीच हस्ताक्षरित अनुबंध से बाहर कुछ भी नहीं किया है।
कांग्रेस ने पहले इस संबंध में आरोप की न्यायिक जांच की मांग की थी।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा कि पार्टी के नेतृत्व वाले विपक्षी मोर्चे ने इस मामले को विधानसभा में क्यों नहीं उठाया।
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उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष वास्तव में इस मुद्दे को सदन में उठाना चाहता था, तो वे इसे स्थगन प्रस्ताव के रूप में ला सकते थे।
बालन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लेकिन प्रस्ताव के नोटिस के खिलाफ विधानसभा में मुख्यमंत्री के संभावित जवाब के बारे में सोचकर ही उनके नेताओं के एक वर्ग की नींद उड़ गई। इसलिए उन्होंने इस मामले को नहीं उठाया।’’
वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि सदन में स्थगन प्रस्ताव के रूप में भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाने में तकनीकी समस्याएं थीं।
उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लिखित में दिए होते तो विधानसभा अध्यक्ष उनकी मांग से इनकार नहीं कर सकते थे।
केरल में हाल में एक निजी खनिज कंपनी और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी टी वीना एवं उनकी आईटी कंपनी के बीच कुछ वित्तीय लेनदेन को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
ऐसे सबूत भी सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि कंपनी का सत्तारूढ़ माकपा के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ दोनों के शीर्ष नेताओं के साथ लेनदेन था।
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यह मुद्दा तब सामने आया, जब हाल में एक मलयालम दैनिक ने रिपोर्ट दी कि सीएमआरएल ने 2017 और 2020 के बीच मुख्यमंत्री की बेटी को कुल 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
समझौते के लिए अंतरिम बोर्ड के हालिया फैसले का हवाला देते हुए समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि कोच्चि स्थित कंपनी ने पहले परामर्श और सॉफ्टवेयर सहायता सेवाओं के लिए वीना की आईटी कंपनी के साथ एक समझौता किया था।
रिपोर्ट में आयकर विभाग के समक्ष खनिज कंपनी के अधिकारियों के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि उनकी कंपनी द्वारा कोई सेवा प्रदान नहीं की गई थी, इस तथ्य के बावजूद एक ‘प्रमुख व्यक्ति’ के साथ उनके संबंधों के कारण मासिक आधार पर राशि का भुगतान किया गया था।
इस समाचार रिपोर्ट ने राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री विजयन पर निशाना साधा तथा उनसे अपनी बेटी के खिलाफ लग रहे आरोपों पर चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया।
कांग्रेस इस मामले पर नरम रही, जिसकी वजह से भाजपा ने मौजूदा विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को नहीं उठाने के लिए कांग्रेस पर सवाल उठाये।
सत्तारूढ़ माकपा ने आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया और दावा किया कि रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार है और मुख्यमंत्री की बेटी को उनकी आईटी कंपनी तथा खनिज कंपनी के बीच कानूनी रूप से वैध अनुबंध के अनुसार राशि मिली।