रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मलेशिया में रामकृष्ण मिशन समेत इस खास मंदिर की यात्रा की, जानिये ये बड़ी बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को यहां रामकृष्ण मिशन गए और स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें ‘ग्लोबल यूथ आइकन’ बताया। उन्होंने कहा कि मलेशिया में आध्यात्मिक नेता की प्रतिमा भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का प्रमाण है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कुआलालंपुर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को यहां रामकृष्ण मिशन गए और स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें ‘ग्लोबल यूथ आइकन’ बताया। उन्होंने कहा कि मलेशिया में आध्यात्मिक नेता की प्रतिमा भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का प्रमाण है।
सिंह रविवार को मलेशिया की तीन दिवसीय यात्रा पर कुआलालंपुर पहुंचे। उन्नत रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत के बाद यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जिसकी घोषणा 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मलेशिया यात्रा के दौरान की गई थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘कुआलालंपुर में रामकृष्ण मिशन की यात्रा करके दिन की शुरुआत करने का सौभाग्य मिला। ‘ग्लोबल यूथ आइकन’ स्वामी विवेकानंद जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2015 में अनावरण की गई यह प्रतिमा मलेशिया में भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का प्रमाण है।'
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सिंह बाटु गुफा मंदिर परिसर भी गए, जिसमें भारतीय कारीगरों द्वारा बनाई गई भगवान मुरुगन की प्रतिमा है। बाटु गुफा मंदिर समिति के अध्यक्ष तान श्री नादराजा ने भारतीय प्रवासी सदस्यों के साथ उनका स्वागत किया।
रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘राजनाथ सिंह ने भगवान मुरुगन की भव्य प्रतिमा के दर्शन करते हुए बाटु गुफा मंदिर परिसर की यात्रा की। बाटु गुफा मंदिर समिति के अध्यक्ष तान श्री नादराजा और मलेशिया में प्रवासी भारतीयों ने उरुमी जुलूस के साथ उनका स्वागत किया।’’
चालीस करोड़ वर्ष पुरानी चूना पत्थर की पहाड़ी पर स्थित बाटु गुफा में भगवान मुरुगन को समर्पित 272 सीढ़ियों वाला प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है।
सिंह ने सोमवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम समेत वहां के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा और रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर विभिन्न मुद्दों पर उनसे चर्चा की। भारत और मलेशिया सैन्य और प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ाने के लिए 1993 में हस्ताक्षरित एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन में संशोधन करने पर सहमत हुए।
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सिंह ने मलेशिया में रक्षा मंत्रालय में औपचारिक ‘सलामी गारद’ के साथ अपने आधिकारिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने मलेशियाई समकक्ष मोहम्मद हसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
एक बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने के तरीकों की पहचान करने पर विशेष ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने की पहल पर चर्चा की। उन्होंने आपसी विश्वास और समझ, समान हितों और लोकतंत्र तथा कानून के शासन के साझा मूल्यों के आधार पर उन्नत रणनीतिक साझेदारी को पूरी तरह से लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।