Farmers Protest: किसानों का आंदोलन 14वें दिन में, आज बातचीत नहीं, किसानों को लिखित प्रस्ताव देगी सरकार

डीएन ब्यूरो

कृषि कानूनों की खिलाफ किसानों का धरना-प्रदर्शन और आंदोलन आज बुधवार को 14वें दिन में प्रवेश कर गया है। सरकार से होने वाली आज की बातचीत फिलहाल टल गयी है। जानिये, किसान आंदोलन से जुड़ा हर ताजा अपडेट

सिंघु बॉर्डर पर आंदोलकारी किसान
सिंघु बॉर्डर पर आंदोलकारी किसान


नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि कानूनों की खिलाफ किसानों का धरना आज बुधवार को 14वें दिन में पहुंच गया है। दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन और आंदोलन जारी है। मंगलवार देर शाम के बाद कुछ किसान नेताओं के साथ अमित शाह की लगभग चार घंटे तक चली बैठक के बाद आज प्रस्तावित किसानों और सरकार की बैठक फिलहाल टल गयी है। सरकार और किसानों के बीच आज होने वाली बातचीत नहीं होगी। 

आंदोलन की दशा और दिशान तय करने के लिये आंदोलनकारी किसान आज दोपहर को एक अहम बैठक करने वाले हैं। दोपहर 12 बजे सिंघु बॉर्डर पर होने वाली इस बैठक में किसान विचार-विमर्श के बाद ही अगले कदम का ऐलान करेंगे।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार देर शाम को हुई किसान संगठनों की बैठक में नए कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर सरकार द्वारा किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया। इस प्रस्ताव पर विचार करके किसान नेता सरकार को अपना फैसला बताएंगे। जिसके बाद, सरकार आज किसानों को एक लिखित प्रस्ताव दे सकती है, जिसमें किसानों की कुछ मांगों को माना जा सकता है।

किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा कि सरकार ने कहा है कि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे लेकिन कुछ संशोधन किए जा सकते हैं। हम लिखित संशोधनों को लेकर सभी 40 किसान यूनियनों से चर्चा करने के बाद बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला लेंगे।' बैठक में शामिल रहे किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, 'हमारी मांगों को लेकर केंद्र सरकार बुधवार को लिखित प्रस्ताव देगी। केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बुधवार को कोई बैठक नहीं होगी।' 

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