रायबरेली : डिप्टी सीएम के औचक निरीक्षण के बाद भी जिला अस्पताल व्यवस्थाएं बेअसर, इलाज के नाम पर हो रही उगाही व मारपीट

डीएन संवाददाता

ताजा मामला रायबरेली के जिला महिला अस्पताल का है। जहां पर मरीजों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है। जबकि अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं निशुल्क देने की व्यवस्था की गई है।

जिला अस्पताल के सामने खड़े पीड़ित परिजन
जिला अस्पताल के सामने खड़े पीड़ित परिजन


रायबरेली: स्वास्थ्य मंत्री व प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार स्वास्थ्य विभागों पर औचक निरीक्षण करके उसे लाइन पर लाने के लिये लगे हैं लेकिन रायबरेली का महिला जिला अस्पताल उनके इस मनसूबे पर पानी फेर दे रहा है। गरीबों के लिये बनाये गए सामान्य अस्पताल ही उनके खून चूसने का काम कर रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टर व आधिकारियों को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत व समय से ड्यूटी के लिए निर्देशित भी किया जा रहा है। लेकिन अगर रायबरेली की बात की जाए तो आदेशों और निर्देशों का असर होता नहीं दिखाई दे रहा है।

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ताजा मामला रायबरेली के जिला महिला अस्पताल का है। जहां पर मरीजों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है। जबकि अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं निशुल्क देने की व्यवस्था की गई है। और किसी भी तरह से धन उगाही पर लगाम लगाने के लिए आदेशित भी किया जाता है।

नितिन कुमार सोनकर ने बताया कि महिला जिला अस्पताल में तैनात वार्ड बॉय के द्वारा डिलीवरी होने के पश्चात उस से 5 हजार की मांग की गई। पैसा ना देने पर वार्ड बॉय रवि चौधरी के द्वारा उसके गले में पड़ी सोने की चेन जबरन छीन ली। जिसकी शिकायत  डायल 112 पर किया।

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डायल 112 मौके पर पहुंची तो पूरी घटना बताई। उसने बताया कि मारपीट की गई की गई है। वहीं पूरे मामले पर जब महिला सीएमएस निर्मला साहू से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले को निराधार बताते हुए किसी भी तरह की कोई भी कार्यवाही नहीं की।

आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि अस्पतालों में किस तरह से गरीब मरीज़ों के साथ व्यवहार हो रहा है।










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