Dynamite Alert: अतुल सुभाष केस की Inside Story, निकिता सिंघानिया जैसी महिलाओं के शिकार क्यों हो रहे पुरुष?
इस वक्त बंगलूरू में हुई एक घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। बंगलूरु की आईटी कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी पर उत्पीड़न का हवाला देते हुए आत्महत्या कर ली। डाइनामाइट अलर्ट के इस एपीसोड में सुसाइड के नए राज भी खोलेंगे साथ ही आपको आकड़े भी बताएंगे कि बीते कुछ सालों में दहेज उत्पीड़न के कितने झूठे मामले दर्ज कराये गये जिसके शिकार ना जाने कितने सुभाष हो चुके हैं।
नई दिल्ली: इस वक्त बंगलूरू में हुई एक घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। बंगलूरु की आईटी कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी पर उत्पीड़न का हवाला देते हुए आत्महत्या कर ली। 24 पन्नों का एक सुसाइड के हर पन्ने पर 'न्याय मिलना चाहिए' लिखा है साथ ही अतुल ने एक घंटे से भी ज्यादा का वीडियो मैसेज छोड़ा है। सुभाष ने पत्नी निकिता के साथ-साथ ससुराल वालों पर 'आत्महत्या, उत्पीड़न, जबरन वसूली समेत कई गंभीर आरोप लगाए। सुभाष के मामले ने दहेज कानून के मिसयूज पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने भी दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताई।
डाइनामाइट अलर्ट के इस एपीसोड में सुसाइड के नए राज भी खोलेंगे साथ ही आपको आकड़े भी बताएंगे कि बीते कुछ सालों में दहेज उत्पीड़न के कितने झूठे मामले दर्ज कराये गये जिसके शिकार ना जाने कितने सुभाष हो चुके हैं।
क्या है सुभाष की आत्महत्या का पूरा मामला ?
पहले जानते हैं कि सुभाष की आत्महत्या का पूरा मामला क्या है? बंगलूरू में एक निजी फर्म में काम करने वाले 34 साल के अतुल सुभाष ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। वह मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले थे और काम के सिलसिले में बेंगलुरु में रहते थे। उनका ससुराल उत्तर प्रदेश के जौनपुर का था। अतुल 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ गए, जिसमें पत्नी, ससुराल वालों और एक न्यायाधीश पर 'आत्महत्या, उत्पीड़न, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के लिए उकसाने' का आरोप लगाया।
पत्नी और परिवार के खिलाफ मामला दर्ज
अब इस मामले में अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले और चाचा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह शिकायत मृतक के भाई विकास कुमार ने दर्ज कराई है जिसमें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई है। शिकायत में कहा गया है कि चारों आरोपियों ने अतुल के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया और मामले के निपटारे के लिए 3 करोड़ रुपये देने की मांग की थी। आरोप है कि अतुल ने मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित होकर आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लिया।
सुसाइड नोट के हर पन्ने पर 'न्याय मिलना चाहिए'
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अतुल ने 24 पन्नों के सुसाइड नोट के हर पन्ने पर 'न्याय मिलना चाहिए' लिखा है। पत्नी निकिता और ससुराल वालों के साथ-साथ सुभाष ने जौनपुर में एक पारिवारिक न्यायालय के जज पर भी उनकी सुनवाई न करने का आरोप लगाया। सुभाष ने अपने कथित उत्पीड़न को बताने के लिए एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया। इसमें परिजनों से कहा गया है कि न्याय मिलने तक उनकी अस्थियों को विसर्जित न किया जाए।
बेटे के लिए दिया संदेश
नोट में चार साल के बेटे के लिए भी एक संदेश था जिसे अतुल से अलग रखा गया था। नोट में अतुल ने अपने माता-पिता को उनके बच्चे की कस्टडी देने की भी मांग की। नोट और वीडियो का लिंक एक एनजीओ के व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजा गया था, जिससे अतुल जुड़े हुए थे। सुभाष ने अपने नोट में आरोप लगाया कि पत्नी निकिता सिंघानिया ने उनके खिलाफ हत्या, यौन उत्पीड़न, पैसे के लिए उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और दहेज सहित नौ मामले दर्ज कराए थे। अब इस मामले में अतुल सुभाष का परिवार भी जवान बेटे को खोने के गहरे सदमे के बावजूद राते बिलकते न्याय की गुहार लगाते हुए अपने बेटे के लिए सिस्टम से इंसाफ मांग रहा हैं।
देश मे क्या है दहेज और घरेलू हिंसा के लिए कानून
दहेज और घरेलू हिंसा की कुप्रथाओ को रोकने के लिए हमारे देश में कई कानून बनाए हैं। इसके चलते दहेज अधिनियम 1961 बना। दहेज की मांग के बाद घरेलू हिंसा की घटनाएं भी सामने आती रही हैं ऐसे में 'घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005' पारित किया गया। इसके साथ ही पुरानी आईपीसी में दहेज उत्पीड़न और दहेज हत्याओं को रोकने के लिए कई प्रावधान किए गए थे। आईपीसी की धारा 498 दहेज से पहले और बाद में किसी भी रूप में उत्पीड़न को दंडनीय और गैर-जमानती भी बनाया गया। अब आपको बताते है 2019 से 2022 दहेज उत्पीड़न के कितने झूठे केस सामने आये हैं। एनसीआरबी के अनुसार, 2022 के दौरान इस अधिनियम के तहत 356 साल 2021 में ऐसे 418 साल 2020 में 297 और 2019 में सबसे ज्यादा 462 झूठे मामले सामने आए।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें सतर्क रहना होगा कि कहीं कानून का दुरुपयोग कर पति के रिश्तेदारों को फंसया तो नहीं जा रहा। अदालतों को निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए। जस्टिस बीवी नागरत्ना व जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वैवाहिक विवाद से उत्पन्न आपराधिक मामले में सक्रिय संलिप्तता का संकेत देने वाले विशिष्ट आरोपों के बिना परिवार के सदस्यों के नाम का उल्लेख शुरू में ही रोक दिया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है और न्यायिक अनुभव से प्रमाणित भी कि जब वैवाहिक कलह के कारण घरेलू विवाद उत्पन्न होते हैं, तो अक्सर पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की कोशिश की जाती है। ऐसे में अदालतों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि किसी कानून का दुरुपयोग कर किसी निर्दोष को न फंसाया जा सके। इन टिप्पणियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें एक व्यक्ति, उसके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ पत्नी के दर्ज कराए गए दहेज उत्पीड़न के मामले को रद्द करने से इन्कार कर दिया गया था।
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यह पहली बार नहीं है जब न्यायालय ने धारा 498ए के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की है। सितंबर में न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि यह कानून सबसे अधिक दुरुपयोग किये जाने वाले कानूनों में से एक है। इससे पहले मई में सुप्रीम कोर्ट ने संसद से बीएनएस की संबंधित धारा में संशोधन करने का अनुरोध किया था। पत्नी द्वारा पति और ससुराल वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई को संसद से नए आईपीसी यानी भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) में आवश्यक बदलाव लाने का अनुरोध किया था। इसी साल लागू हुए बीएनएस में आईपीसी की धारा 498ए के जैसे प्रवधान बीएनएस की धारा 85 और 86 में शामिल किए गए हैं।
अतुल सुभाष के वकील ने किया खुलासा
वहीं इस मामले पर अतुल सुभाष के वकील दिनेश मिश्र ने चौंकाने वाले खुलासे किया दिनेश मिश्र ने कहा कि शादी ऑनलाइन मेटरीमोनियल साइट के जरिये की गई थी, जिसके बाद दोनों में अनबन की बजह से मामला कोर्ट पहुंचा अतुल सुभाष बंगलरू से जौनपुर कोर्ट केस के लिए 40 बार आए और सुसराल वालों के लगातार उत्पीड़न से परेशान होकर खौफनाक कदम उठाया जो बेहद दुखद हैं।
निकिता का परिवार हुआ फरार
इसी बीच अतुल सुभाष के परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया के परिवार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज कर लिया हैं। निकिता का परिवार जंहा पहले ताव में मीडिया पर भड़कते हुए धमकी दे रहा था चले जाओ नहीं तो गलत हो जाएगा तो अब पुलिस के डर से निकिता की पूरा परिवार घर पर ताला लगाकर जौनपुर छोड़कर भाग गया। वीडियो में निकिता की मां रात के अंधेरे में भागती हुई नजर आई और फरार हो गई।
मृतक सुभाष की आखिरी इच्छा यदि मुझे न्याय ना मिले तो मेरी अस्थिया उसी अदालत के गटर में फैंक देना, सुभाष की ये अखिरी इच्छा कबतक प्रशासन और न्यासपालिका को कंहा तक झकझोरती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। इस उम्मीद के साथ कि अतुल सुभाष को जल्द से जल्द न्याय मिले, ताकि समाज में महिला हो या पुरुष दोनों ही सुरक्षित महसूस कर सके।