DN Exclusive: यूपी-बिहार लोकसभा उपचुनाव के नतीजों पर डाइनामाइट न्यूज़ की त्वरित समीक्षा

डीएन ब्यूरो

लोकसभा उपचुनावों में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री दोनों की सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा है। यही नही बिहार में नीतिश व भाजपा दोनों के एकजुट गुरुर को जनता ने चकनाचूर कर दिया। क्या यह भाजपा के अति विश्वास की हार है? इसका 2019 के लोकसभा चुनाव में समूचे उत्तर भारत की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा? इस पर डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश और समाचार संपादक सुभाष रतूड़ी की विशेष समीक्षा..



नई दिल्ली: यूपी की दो और बिहार की एक लोक सभा सीट पर हुए उप चुनाव में जनता ने भाजपा को बुरी तरह नकार दिया है। क्या है इन नतीजों के मायने..इस पर डाइनामाइट न्यूज़ ने की इन नतीजों की त्वरित समीक्षा।

डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने माना कि ये नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं। खासकर गोरखपुर की सीट पर मिली हार.. भाजपा के लिये काफी कुछ संदेश देने वाली है।

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इन चुनावों में योगी की जिम्मेदारी को लेकर किये गये सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि सीएम योगी को इस हार के लिये सीधे तौर पर जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता। योगी इन सीटों पर किसी अन्य प्रत्याशी को चाहते थे लेकिन आलाकमान ने योगी की यह मांग ठुकरा दी और उनकी एक नहीं सुनी गयी, जिसका नतीजा भाजपा को हार के रूप में झेलना पड़ा।

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इस समीक्षा में यह बात सामने आयी कि सपा-बसपा गठबंधन प्रयोग इस चुनाव में भाजपा को हराने में सफल रहा और यदि आगे भी यह गठबंधन जारी रहता है तो 2019 में होने वाले आम चुनाव में भाजपा के लिये यह भारी पड़ सकता है। भाजपा को यदि आगामी लोक सभा चुनाव जीतने हैं तो उसे अपनी रणनीति में व्यापक तौर पर बदलाव करना होगा। बिहार उप चुनाव के नतीजे ज्यादा चौकाने वाले है और भाजपा को सावधान रहने के हिदायत दे रहा है।  

यूपी में भाजपा के सांसद, विधायकों और कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान की रक्षा योगी सरकार को करनी पड़ेगी। बेलगाम ब्यूरोक्रेसी.. जिलों में तैनात डीएम-एसपी के मनबढ़ रवैये को काबू में रखना होगा नही तो 2019 की राह मोदी सरकार के लिए आसान नही होगी। 










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