यूपी उपचुनाव: भाजपा के विजयी रथ को रोकने के लिये कांग्रेस भी देगी सपा का साथ!
भाजपा की देश भर में लगातार जारी जीत ने विपक्षी पार्टियां को एकजुट होने और अपनी चुनावी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में यूपी उपचुनाव में भाजपा को रोकने के लिये सपा और कांग्रेस हर विकल्प को तलाशने में जुटे हुए है, मुमकिन है कि इसके लिये दोना पार्टियों में फिर एक बार बात बन जाये।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के लिये होने वाले उपचुनाव में भाजपा के विजयी रथ को रोकने के लिये कांग्रेस भी अब अपने उम्मीदवारों को बैठा सकती है और सपा को समर्थन देने का ऐलान कर सकती है। बसपा और आरएलडी समेत अन्य कुछ राजनैतिक दल पहले ही सपा को समर्थन देने का ऐलान कर चुके है। हालांकि बसपा ने राज्य सभा सीट की डील करके सपा के साथ लगभग 25 वर्षों बाद हाथ मिलाया है, लेकिन उसने इस डील का सबसे बड़ा संदेश भाजपा को हराना ही बताया है।
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भाजपा की देश में लगातार जारी जीत ने विपक्षी पार्टियां को एकजुट होने और अपनी चुनावी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में भाजपा को हाल में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद कांग्रेस भी यूपी उपचुनावों को लेकर नये सिरे से अपनी रणनीति बना रही है। मेघालय में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी कांग्रेस वहां सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी। ऐसे में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भाजपा को रोकने के लिये हर संभव रणनीति बनाने और विकल्प को तलाशने में जुटे हुए है।
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उत्तर प्रदेश के पिछले विधान सभा सभा चुनाव कांग्रेस और सपा ने साथ मिलकर लड़ा था। ऐसे में इन दोनो पार्टियों को गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में भाजपा को रोकने के लिये दोबारा एक साथ आने में कोई गुरेज नहीं है। सूत्रों के कहना है कि सपा और कांग्रेस इसके लिये प्रयास भी कर रहे है और संभव है कि दोनों की बात बन भी जाये।
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यूपी उपचुनाव में अब काफी कम वक्त रहना सपा और कांग्रेस की इस रणनीति की सबसे बड़ी बाधा बन सकती है। इसके अलावा अंतिम मौके पर सपा को समर्थन देने का ऐलान करने से कांग्रेस प्रत्याशियों का नाराज होना और पार्टी में अंतर्कलह का जोखिम बढ़ने का खतरा भी पैदा हो सकता है। इसलिये माना जा रहा कि कांग्रेस इन सभी फेक्टर्स पर गंभीरता से चिंतन करके ही एकाध दिन में ही कोई उचित व अंतिम निर्णय लेगी।
गौरतलब है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र के बाद गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट खाली हुई थी। इन दोनो सीटों पर 11 मार्च को मतदान होना है जबकि 14 मार्च मतगणना होगी और इसी दिन चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।