Farmers Protest: आंदोलन के 100वें दिन किसानों ने किया केएमपी एक्सप्रेसवे जाम, बैठे सड़कों पर, गाड़ियों की कतार

डीएन ब्यूरो

केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 100वें दिन में प्रवेश कर गया है। किसानों ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार केएमपी समेत कुछ एक्सप्रेसवे को 11 बजे से जाम कर दिया है। पढिये डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट

आंदोलन के 100वें दिन किसानों का सड़क पर कब्जा
आंदोलन के 100वें दिन किसानों का सड़क पर कब्जा


नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 100वें दिन में प्रवेश कर गया है। किसानों ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार आज शिनवार को कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे समेत आसपास की सड़कों को 11 बजे से जाम कर दिया है। किसानों द्वारा सड़क पर उतरने से कई स्थानों पर जाम की खबरें हैं। किसान दरी बिछाकर सड़कों पर बैठे हुए हैं, जिससे वाहनों के लंबे कतार लग गये हैं। एक्सप्रेसवे पर किसानों का धरना प्रदर्शन पूर्व घोषणा के मुताबिक शाम 4 बजे तक जारी रहेगा।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाली सड़कों समेत केएमपी एक्सप्रेसवे पर बड़ी संख्या में किसानों का प्रदर्शन जारी है। सोनीपत में भी बड़ी संख्या में आंदोलनकारी किसानों द्वारा केएमपी और केजीपी को जाम कर दिया है। इससे दोनों हाईवे पर वाहनों की कतारें लग गई हैं और आम जनता का आवागमन बाधित हो गया है। 

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किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये हैं। पुलिस और सुरक्षा बल किसानों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।  

बता दें कि गत 2 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने ऐलान किया था कि 6 मार्च को जब उनका आंदोलन 100वें दिन में प्रवेश करेगा, उस दिन सभी किसान कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के अलग-अलग प्वाइंट्स पर इकट्ठा होकर इसे जाम करेंगे। इन एक्सप्रेसवे को सुबह 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक ब्लॉक किया जायेगा।   

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संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बात का भी ऐलान किया कि देश के 10 ट्रेड संगठनों के साथ उनकी मीटिंग हुई है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों का जो निजीकरण कर रही है, उसके विरोध में किसान और ट्रेड यूनियन 15 मार्च को पूरे देश की सड़कों और रेलवे स्टेशनों के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में देश भर के मज़दूर और कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे।

 










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