जेटली: विश्व बैंक, आईएमएफ की कोटा नीति में तत्काल सुधार हो
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि विश्व बैंक को विकासशील और संक्रमण के दौर से गुजर रहे देशों (डीटीसी) के बढ़ रहे प्रभाव के अनुरूप सेलेक्टिव कैपिटल इनक्रीज (एससीआई) के संबंध में फैसला लेने की जरूरत है, साथ ही उसे जनरल कैपिटल इनक्रीज (जीसीआई) के जरिए वार्षिक कर्ज में वृद्धि करने की जरूरत है।
वाशिंगटन: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि विश्व बैंक को विकासशील और संक्रमण के दौर से गुजर रहे देशों (डीटीसी) के बढ़ रहे प्रभाव के अनुरूप सेलेक्टिव कैपिटल इनक्रीज (एससीआई) के संबंध में फैसला लेने की जरूरत है, साथ ही उसे जनरल कैपिटल इनक्रीज (जीसीआई) के जरिए वार्षिक कर्ज में वृद्धि करने की जरूरत है।
विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की विकास समिति की संयुक्त बैठक में जेटली ने कहा, ‘‘हमें इस वर्ष होने वाली वार्षिक बैठकों में लीमा प्रस्तावना की तर्ज पर एससीआई और जीसीआई को लेकर जताई गई प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा और इस संबंध में किसी ठोस निर्णय पर पहुंचना होगा।’’
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जेटली ने कहा, ‘‘हम अब तक कम प्रतिनिधित्व पाने वाले देशों की आवाज को ऊंचा उठाने के लिए एससीआई का समर्थन करते हैं और गतिशील सूत्र के आधार पर आवंटन का समर्थन करते हैं।’’
जेटली ने इस वर्ष जीसीआई नीति के जरिए विश्व बैंक और आईएमएफ द्वारा दिए जाने वाले वार्षिक कर्ज में इजाफा करने पर भी फैसला लिए जाने का आग्रह किया।
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जेटली ने कहा, ‘‘आईबीआरडी (इंटरनेशनल बैंक फॉर रीकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट) द्वारा दिए जाने वाले औसत वार्षिक कर्ज 24 अरब डॉलर में न्यूनतम 50 फीसदी की वृद्धि और आईएफसी (इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन) द्वारा दिए जाने वाले वार्षिक कर्ज की राशि में 100 फीसदी वृद्धि होनी चाहिए। यह इसलिए जरूरी है कि वैश्विक विकास में सर्वोपरि और सार्थक भूमिका निभाने के लिए विश्व बैंक प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर का कर्ज देने की अपनी प्रतिबद्धता पूर कर सके।’’ (आईएएनएस)