फतेहपुर: खतरें के निशान से तीन फुट ऊपर बह रही गंगा, बाढ़ से फसल बर्बाद
फतेहपुर जिले में करीब 5 दिनों से गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से नदी के किनारे बसे गांव के किसानों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं, किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है, बतादें कि पांच दिनों से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
फतेहपुर: (Fatehpur) जिले में करीब 5 दिनों से गंगा नदी (Ganga River) का जलस्तर (Water Level) अचानक बढ़ने से नदी के किनारे बसे गांव (Villages) के किसानों (Farmers) की दुश्वारियां बढ़ गई हैं, किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पांच दिनों से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं, नदी के किनारे बसे गांव के किसानों की कटरी में बोई गई फसले जलमग्न हो गये हैं। किसानो ने किसी तरह से किसान ब्याज का पैसा लेकर फसले बोई थी, जो अब पानी में पूरी तरह से डूब कर बर्बाद हो गई है।
यह भी पढ़ें |
कुशीनगर में बाढ़ का कहर, घरो में घुसा पानी, किसानों की हजारों एकड़ फसले भी डूबी
पानी छोड़ने से बढ़ा जलस्तर
बुलंदशहर के नरौरा बांध के ओवरफ्लो हो जाने के कारण लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी के किनारे बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।रविवार देर शाम गंगा का जलस्तर 101.210 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से 36 सेंटीमीटर यानी 3 फीट ऊपर पानी बह रहा है। जबकि डेंजर लेवल 100.860 मीटर पर है। लगातार नदी में पानी बढ़ने से किसानों की बोई गई फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। नदी के किनारे कटरी में खेतों के ऊपर अब नाव चल रही है।
यह भी पढ़ें |
फतेहपुर: किसानों की कई बीघा खड़ी गेंहू की फसल में लगी आग
ये गांव हुए प्रभावित
नदी किनारे बसे गांव महेवा, लोधौरा, सिहार, रामपुर, रामशाला, गढ़ी फिरोजपुर कटरी, सेनपुर कटरी मातिनपुर सहित कई गांव के किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न होकर खराब हो गई।पानी बढ़ने से शकरकंद, धान, तिल्ली, परवल आदि की फसल बोई थी लेकिन अब पानी में डूब कर खराब हो गई, क्षेत्र के किसानों ने बर्बाद हुई फसल का सरकार से मुआवजा की मांग की है