गाजीपुर: मुख्तार अंसारी की मौत पर परिजनों ने लगाया आरोप, जानिए क्या कहा

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सांसद अफजाल अंसारी ने मुख्तार अंसारी की जेल में जहर देकर मौत का आरोप लगाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



गाजीपुर: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद लगातार परिवार के लोग जहर देकर मारने का आरोप लग रहे हैं और आज भी सांसद अफजाल अंसारी अपने चुनावी प्रचार के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए एक बार फिर से मुख्तार अंसारी को जहर देकर मारने का आरोप लगाया साथ ही यह भी बताया कि मुख्तार अंसारी ने जेल में जीवित रहते हुए यह बात कही थी अदालत के सामने बयान भी दिया था और लिखित में भी दिया था। 

बकौल सांसद अफजाल अंसारी मुख्तार अंसारी ने बताया था कि यह सब जेल में मेरी हत्या करने का कुचक्र रच रहे थे। बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह जो सरकार के द्वारा पाले जा रहे दूरदांत अपराधी हैं  दाऊद इब्राहिम के साथ रहे हैं उन्हें बचाया जा रहा है।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मुख्तार अंसारी की बिसरा रिपोर्ट जिसमें जहर नहीं होने की बात कही गई है इस पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम किसने किया ,और रिपोर्ट किसने बनाया ,बिसरा किसने बनाया, घटना की fir किसने लिखी, घटना की जांच कौन कर रहा है।

 जब सरकार इस मामले में खुद इंवॉल्व है तो सरकार की एजेंसी को क्या कहा जाए। उस दिन की बात करें तो डॉक्टर भी थर-थर कांप रहा था मौत से 2 दिन पहले 26 तारीख को वह अपना फोन नंबर भी हमें नहीं दे सकता था मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से भी मिलने नहीं दिया गया था।

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इस दौरान उन्होंने कहा कि एक जांच में सुपरिटेंडेंट सब का बयान ले रहे थे और डॉक्टर भी बयान ले रहे हैं वहां के मजिस्ट्रेट साहब लोगों का बयान ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि ज्यूडिशल कस्टडी में जिसकी भी मौत हुई हो चाहे वह बाँदा में मुख्तार अंसारी की हुई हो या कहीं भी किसी की हुई हो उसकी मजिस्ट्रेटियल जांच होती है ऐसे में अगर परिजन चाहे कि मामले का निष्पक्ष जांच हो। क्योंकि परिवार के लोगों ने एम्स के डॉक्टर से पोस्टमार्टम करने की बात कही कही थी आखिर सरकार क्यों भाग गई थी और मांग को अस्वीकार कर दिया गया था।

सरकार इस जांच से इसलिए पीछे हट गई तो उनके गुनाह से पर्दा हट जाएगा।  उन्होंने कहा कि बिसरा में नाखून की जांच नहीं हुई है और जहर की जांच में नाखून और बाल की जांच से साफ हो जाता है। यह व्यक्ति जहर से मारा है या फिर कोई और कारण था जिसको भेजा जाना चाहिए था वह नमूना भेजा ही नहीं गया, जहां पर जांच हुई वहां के अधिकारी को हटाकर दूसरे अधिकारी को बैठाया गया अपने गुनाह पर पर्दा डालना है।










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