व्यापारियों के लिए जरूरी ख़बर, GST लागू होने के बाद खरीदना होगा यह सॉफ्टवेयर
जीएसटी में रजिस्टर्ड सभी व्यवसायों को टैक्स रिटर्न करने के लिए एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर लेना जरूरी होगा
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद इस कानून के तहत जीएसटी में रजिस्टर्ड सभी व्यवसायों को टैक्स रिटर्न के लिए एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर लेना जरूरी है। इसके लिए ये ध्यान देने की जरूरत है कि आप सही एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर को सलेक्ट करें। एक बेहतर सॉफ्टवेयर आपके बिजनेस को आसान और लाभदायक बना सकता है। लेकिन सॉफ्टवेयर का गलत सलेक्शन आपकी मुश्किलें भी बढ़ा सकता है।
सॉफ्टवेयर लेते समय ध्यान रखें ये बातें
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1. एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर ऐसा हो जो उत्पाद बिक्री की तुलना में वस्तुओं की लागत का तुलनात्मक अध्ययन कर सके, जिससे पूरे लाभ का आकलन हो।
2. सॉफ्टवेयर ऐसा हो जो कैश फ्लो रेट पर अच्छी तरह से नज़र रख सके।
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3. एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में दो अलग-अलग एचएसएन कोड के व्यवसायों के मध्य लेनदेन का फीचर उपलब्ध होना चाहिए। बता दें कि जीएसटी कानून के तहत विभिन्न टर्नओवर के लिए अलग-अलग एचएसएन कोड होते हैं।
4. हमेशा ऐसे एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर को चुनें जो मुफ्त तकनीकी सहायता प्रदान करने में बेहतर हों। साथ ही जिनके सपोर्ट सिस्टम की पहुंच आप तक हो और वे आपको आसानी से सहायता उपलब्ध करा सके।