फर्जी प्रमाणपत्रों पर शिक्षकों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कथित तौर पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कथित तौर पर फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार ने सवाल किया कि कितने शिक्षकों के प्रमाणपत्र अब तक सत्यापित किए जा चुके हैं।
अदालत ने यह भी पूछा कि अब तक कितने फर्जी शिक्षकों को निलंबित किया गया है।
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राज्य सरकार ने दावा किया कि 33 हजार शिक्षकों में से 12 हजार शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापित हो चुके हैं जबकि बाकी बचे शिक्षकों की जांच चल रही है।
अदालत ने मामले को गंभीर बताया और कहा कि जांच जल्द पूरी होनी चाहिए।
हल्द्वानी स्थित स्टूडेंट वेलफेयर सोसाइटी द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य के प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति फजी प्रमाणपत्रों के आधार पर हुई है। याचिका में दावा किया गया है कि इनमें से कुछ शिक्षकों की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गयी है।
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