हाई कोर्ट का आदेश, मानव-पशु संघर्ष को रोकने का समाधान तलाशने को गठित हो समिति

डीएन ब्यूरो

केरल उच्च न्यायालय ने राज्य में मानव-पशु संघर्ष के प्रमुख स्थानों की पहचान करने और समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का बुधवार को फैसला किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

केरल हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
केरल हाई कोर्ट (फाइल फोटो)


कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने राज्य में मानव-पशु संघर्ष के प्रमुख स्थानों की पहचान करने और समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का बुधवार को फैसला किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मामले से जुड़े एक वकील ने कहा कि अदालत ने राज्य सरकार से सुझाव मांगा है कि किन लोगों को विशेषज्ञ समिति का हिस्सा बनाया जा सकता है।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 मई के लिए सूचीबद्ध की।

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न्यायमूर्ति ए.के. जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी. की एक विशेष पीठ ने उन वन अधिकारियों के काम की भी प्रशंसा की, जिन्होंने इडुक्की जिले के चिन्नकनाल क्षेत्र से चावल खाने वाले हाथी ‘अरिकोम्बन’ को बेहोश कर पेरियार बाघ अभयारण्य में पहुंचाया।

अदालत पशुओं के लिए काम करने वाले दो समूहों की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी,।

याचिका में राज्य के उस निर्णय का विरोध किया था, जिसमें हाथी को कैद में रखना और उसे एक कुम्की हाथी के रूप में प्रशिक्षित करना शामिल है।

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गौरतलब है कि कुम्की वे हाथी होते हैं, जिन्हें जंगली हाथियों को पकड़ने और उन्हें बचाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।










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