पिथौरागढ़ का रहस्यमय इतिहास, सामने आया चौंकाने वाला राज

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से जुड़ी कुछ अजीब चीजे सामने आई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

प्राचीन गुफाओं की खोज से ऐतिहासिक धरोहर उजागर
प्राचीन गुफाओं की खोज से ऐतिहासिक धरोहर उजागर


पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के थल क्षेत्र में काफल हिल टीम के संस्थापक और प्रकृति प्रेमी तरुण महरा ने दो महीने पहले मुवानी क्षेत्र के गोबराड़ी में एक रहस्यमयी सुरंग की खोज की थी। अब उसी सुरंग से करीब 500 मीटर दूर पहाड़ी क्षेत्र में वनराजी जनजाति के रौता उडियार के घर के खंडहर मिले हैं और वहां से 400 मीटर की दूरी पर दो विशाल गुफाएं भी मिली हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह स्थान ऐतिहासिक रूप से धन राउत नामक व्यक्ति के परिवार से जुड़ा हुआ बताया जाता है। गुफाएं, प्राचीन घर और अन्य अवशेष इस क्षेत्र की समृद्धि का संकेत देते हैं। गुफाओं की प्राचीन दीवारों और संरचना से विशेषज्ञ इसे 300 साल से भी अधिक पुराना मान रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से वनराजी जनजाति का धन राउत परिवार इन गुफाओं और खड्डों में निवास करता था। समय के साथ इस परिवार ने सभ्य समाज से रहन-सहन के तौर-तरीके सीखे और पक्के मकान बना लिए। इनका जीवन-यापन मुख्यतः कृषि और पशुपालन पर निर्भर था।

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उखलढुंगा का ऐतिहासिक महत्व

इस क्षेत्र में उखलढुंगा नामक एक महत्वपूर्ण स्थल भी मिला है, जिसे ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां एक विशाल चिकने पत्थर में दो बड़ी ओखली बनी हुई हैं, जिन पर समय के साथ घिसाव के स्पष्ट निशान देखे गए हैं। आज भी गोबराड़ी गांव के लोग भैया दूज के दिन इन ओखली में चूड़ा (धान) कूटने जाते हैं।

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तरुण माहरा के साथ गोबराड़ी गांव के मोहन सिंह कन्याल और रामी राम भी थे, जिन्होंने धन राउत के उड्यार और घर के खंडहरों के बारे में अपने पूर्वजों से सुनी कहानियां साझा कीं। इस जानकारी ने इस खोज को और भी ऐतिहासिक महत्व दे दिया। तरुण माहरा ने इस ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को इस स्थल के बारे में जानकारी दी है, ताकि इसे संरक्षित किया जा सके। अगर इसे संरक्षित किया जाए तो यह क्षेत्र भविष्य में एक प्रमुख ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल बन सकता है।

 










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