IAS Anil Kumar Sagar: यूपी के वरिष्ठ IAS अनिल कुमार सागर बने बिल्डर माफियाओं के शिकार
यूपी से एक बड़ी खबर इस वक्त डाइनामाइट न्यूज़ पर आ रही है। एक बार फिर बिल्डर माफियाओं का काकस सिस्टम पर हावी होता दिख रहा है। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट:
नई दिल्ली/लखनऊ: 1998 बैच के आईएएस अनिल कुमार सागर को राज्य सरकार ने प्रतीक्षारत कर दिया है।
वे वर्तमान में तीन अहम पदों यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग तथा आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स की जिम्मेदारियां संभाल रहे थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सागर पर आरोप लगाया गया है कि वे मनमर्जी से बिल्डर्स प्रोजेक्ट को रद्द तथा मंजूर कर रहे थे।
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यूपी के वरिष्ठ IAS अनिल कुमार सागर बने बिल्डर माफियाओं के शिकार
— Dynamite News (@DynamiteNews_) December 14, 2024
➡️ कोर्ट-कचहरी के चक्कर में उलझा बिल्डर माफियाओं ने साधा अपना हित
➡️1998 बैच के आईएएस को किया गया प्रतीक्षारत
➡️यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग तथा आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स…
इसी से जुड़ा एक केस कोर्ट-कचहरी में डाल बिल्डर माफियाओं ने अपनी मनचाही मुराद पूरी कर ली है और उनके रास्ते का कांटा साफ हो गया है।
यूपी के कई वरिष्ठ अफसरों से सागर के ट्रैक रिकार्ड का पता किया गया तो मालूम हुआ कि ये लो-प्रोफाइल छवि के अधिकारी हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि करियर में जब भी इन्हें राज्य सरकार की तरफ से किसी अहम जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी तो ये बिना झुके बड़े भ्रष्टाचारियों पर के खिलाफ शिकंजा कसते रहे हैं। भ्रष्टाचारी किसी भी पद पर क्यों न हो यदि इनकी जांच में दोषी मिला तो कार्यवाही होनी तय।
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मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट इन्वेस्ट यूपी को सफल बनाने में अनिल कुमार सागर भूमिका की हर कोई तारीफ करता मिलता है।
ये राज्य के तमाम बड़े और कठिन जिलों जैसे लखनऊ, कानपुर, रायबरेली, सुलतानपुर, चंदौली, उन्नाव, अलीगढ़, एटा, सिद्दार्थनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर के जिलाधिकारी रहे चुके हैं।