भारतीय खिलाड़ियों के लिए विभिन्न फुटबॉल शैलियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करना महत्वपूर्ण: लुइस गार्सिया

डीएन ब्यूरो

स्पेन और लिवरपूल के दिग्गज लुइस गार्सिया का मानना है कि भारतीय फुटबॉल को वैश्विक ऊंचाई छूने के लिए  खिलाड़ियों को विदेश में विभिन्न लीग का अनुभव देने के साथ युवा प्रतिभाओं और कोचों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाना जरूरी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

स्पेन और लिवरपूल के दिग्गज लुइस गार्सिया
स्पेन और लिवरपूल के दिग्गज लुइस गार्सिया


बेंगलुरु: स्पेन और लिवरपूल के दिग्गज लुइस गार्सिया का मानना है कि भारतीय फुटबॉल को वैश्विक ऊंचाई छूने के लिए  खिलाड़ियों को विदेश में विभिन्न लीग का अनुभव देने के साथ युवा प्रतिभाओं और कोचों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाना जरूरी है।

  गार्सिया 2014 में आईएसएल (इंडियन सुपर लीग) खिताब जीतने वाली एटलेटिको डी कोलकाता टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों को विदेशी लीग में मौका देने से खेल को लेकर उनकी समझ का दायरा बढ़ेगा।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार साल 2004 से 2007 के बाद लिवरपूल के लिए 77 मैच खेलने वाले गार्सिया ने ‘कहा, ‘‘ यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आप (विदेश में) फुटबॉल की एक अलग शैली के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं। अगर आपको उनसे प्रतिस्पर्धा करने के लिए किसी टूर्नामेंट के अंतिम चरण तक इंतजार करना पड़ता है तो ऐसे में आपको सिर्फ एक या दो मैच में उसे समझने का मौका मिलेगा। खिलाड़ियों को खेल को अगले स्तर पर ले जाने के लिए  प्रतिस्पर्धा  के अधिक मौके की आवश्यकता होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि भारतीय (राष्ट्रीय) टीम सत्र के दौरान यात्रा करे और एशिया और आसपास में मैत्री मैचों का आयोजित करने का प्रयास करे। इस तरह के मैचों में हार और जीत का अंतर मायने नहीं रखता, क्योंकि यह एक अलग तरह की फुटबॉल शैली का सामना करने की भावना से जुड़ा है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘  आप अगर शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं, विश्व कप के लिए क्वालिफिकेशन हासिल करना चाहते हैं, तो आपको छोटे बच्चों को खेल में सुधार करने का अवसर देना होगा।’’










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