Fatehpur News: विजयीपुर के इस गांव में बड़ा घोटाला, ग्राम प्रधान समेत कई अफसरों पर कार्रवाई

डीएन संवाददाता

विकासखंड विजयीपुर से घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

वसूली के आदेश
वसूली के आदेश


फतेहपुर: जनपद के विजयीपुर विकास खंड के गोदौरा गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कराए गए विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। इस घोटाले का खुलासा गांव के रोजगार सेवक ने किया, जिसने एक वीडियो वायरल कर न सिर्फ पूरे मामले को उजागर किया, बल्कि मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर पद से इस्तीफा भी दे दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रोजगार सेवक ने आरोप लगाया था कि स्थानीय जनप्रतिनिधि के करीबी व्यक्ति ने ग्राम प्रधान की फर्जी मुहर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर मनरेगा के तहत लाखों रुपये का फर्जी भुगतान करा लिया। आरोपों के मुताबिक यह पूरा खेल मिलीभगत से किया गया, जिसमें ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक की भूमिका संदिग्ध पाई गई।

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मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत जिला स्तरीय अधिकारियों को भेजी गई। इसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर विकास खंड अधिकारी रत्नाकर त्रिपाठी ने जांच कमेटी गठित की। जांच में सभी आरोप सत्य पाए गए, जिससे सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद बीडीओ ने तत्काल प्रभाव से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए गबन की गई पूरी धनराशि की वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं।

अब ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक और पंचायत सचिव के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि पारदर्शिता और जवाबदेही के अभाव में योजनाएं किस तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं। प्रशासन अब दोषियों को सजा दिलाने के लिए सक्रिय हो गया है।

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