DN Exclusive: यूपी में धान खरीद केंद्रों पर दलालों का बोलबाला, दो हफ्ते से मंडी में नहीं बिका धान, लाचार किसान ने उठाया ये चौंकाने वाला कदम
किसानों के लिये बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार को जगाने के लिये उत्तर प्रदेश का यह मामला काफी है। दो हफ्तों तक जब एक किसान का धान नहीं बिका तो किसान ने ऐसा कदम उठाया कि हर सकते में पड़ गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
लखीमपुर: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी किसानों के नाम पर बड़े-बड़े दावे किये जाते रहते हैं लेकिन इन दावों की असलियत जब खुलती है तो आम जनता को बड़ी हैरानगी होती है। यूपी सरकार द्वारा कुछ जनपदों में 1 अक्टूबर से किसानों से धान खरीद की घोषणा की जा चुकी है। लेकिन धान की खरीदारी का हाल यह है कि एक किसान का धान मंडी में जब दो हफ्तों तक नहीं बिका तो उसने ऐसा कदम उठाया कि हर कोई सकते में पड़ गया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक सरकार की आंखें खोल देने वाला यह मामला लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी मंडी समिति परिसर का है। यहां पिछले 14 दिन से मंडी में धान न बिकने से परेशान एक किसान ने अपने धान पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। किसान की पहचान सुबोध सिंह के रूप में हुई। पीड़ित किसान सुबोध ने धान खरीद में जुटे अफसरों पर बड़ा भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। किसान का कहना है कि धान खरीद केंद्रों पर दलालों का बोलबाला है, जिस कारण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।
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किसान सुबोध सिंह द्वारा मंडी में अपने धान को आग के हवाले करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। किसान के इस कदम से मंडी परिसर में हड़कंप मच गया। किसान का कहना है कि धान खरीद में लगे कर्मचारी उसके धान में कमियां बताकर उसे बार-बार प्रताड़ित करते रहे। किसान ने कहा कि मंडी के लोग जानबूझकर किसानों को परेशान कर रहे हैं। जिससे विवश होकर उसने धान को आग लगाने का फैसला लिया।
किसान सुबोध सिंह का कहना है कि वह पिछले 14 दिनों से मंडी परिसर के अधिकारियों और कर्मचारियों के लगातार चक्कर लगा रहा था। लेकिन मंडी में दलालों का बोलबाला है, जिसके चलते उसका धान 14 दिनों में भी नहीं बिक पाया। आखिरकार परेशान होकर उसने अपने धान पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।
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किसान सुबोध का कहना है कि लखीमपुर में 14-15 बिक्री केंद्रों में से किसी भी केंद्र पर किसानों की धान का तोल नहीं पा रहा है। धान तोल में लगे कर्मचारी और अफसर मनमानी कर रहे हैं। धान तोल केंद्रों के कर्मचारी सरकार और बड़े अधिकारियों के सख्त आदेशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। धान खरीद केंद्रों ने सरकारी आदेशों के उलट अपने कायदे-कानून बनाये हुए हैं, जिस कारण किसानों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
इस मामले में डीएम पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि किसान का धान चार-पांच दिन से मंडी में आया हुआ था। धान गीला होने के कारण बिक नहीं पा रहा था। बारिश के कारण भी किसान के धान की तौल नहीं हो पाई। धान खरीद में किसी तरीके की कोई गड़बड़ी नहीं है। सभी किसानों के धान खरीदे जा रहे हैं।