महराजगंज: चर्चित महाव नाला का पूरबी तटबंध देवघट्टी गांव के सामने टूटा, पूरा क्षेत्र जलमग्न, ग्रामीण व किसान संकट में, देखिये ग्राउंड जीरो से डाइनामाइट न्यूज़ की LIVE रिपोर्ट
महराजगंज जनपद का चर्चित महाव नाला पहली बारिश भी नहीं झेल पाया। महाव नाला का पूरबी तटबंध देवघट्टी गांव के सामने टूट गया है, जिससे यहां पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया है। देखिये ग्राउंड जीरो से डाइनामाइट न्यूज़ की स्पेशल रिपोर्ट
महराजगंज: जनपद का चर्चित महाव नाला की मरम्मत पर एक माह पहले ही करोड़ों रुपये खर्च किये गये थे लेकिन पहली ही बारिश ने काम की गुणवत्ता की पोल खोल दी है। यह नाला पहली बारिश को भी नहीं झेल पाया। महाव नाला का पूरबी तटबंध देवघट्टी गांव के सामने टूट गया है, जिससे यहां पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया है। संकट और दहशत से घिरे किसानों और ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे दर्जनों गाँव डूबने के कगार पर है।
डाइनामाइट न्यूज़ ने कल सोमवार को देवघट्टी गांव के सामने महाव तटबंध के टूटने की खबर सबसे पहले प्रकाशित की थी। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी दल-बल के साथ मंगलवार को मौके पर पहुंचने वाले हैं, जहां वे स्थिति का जायजा लेकर जरूरी दिशा-निर्देश देंगे।
बंधा 30 मीटर ध्वस्त
नौतनवा विकास खंड के परसामलिक व बरगदवा क्षेत्र से होकर बहने वाली पहाड़ी नाला महाव का पूरबी तटबंध देवघट्टी गांव के सामने सोमवार की शाम 4:00 बजे करीब 30 मीटर विश्वम्भर रौनियार के खेत के सामने टूट गया।
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लगातार बढ़ रहा संकट
डाइनामाइट न्यूज़ की टीम टूटे हुए बंधे पर पहुँची और प्रभावित लोगों से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया। महाव का तटबंध टूटने से देवघट्टी, हरखपुरा, हरपुर, अमहवा, नरायनपुर सहित आधा दर्जन गांवों के किसानों की धान की फसल जलमग्न हो गयी है। नेपाल से पानी आने और बारिश के कारण लगातार जलस्तर बढ़ रहा और इसके साथ ही संकट भी बढ़ता जा रहा है।
मरम्मत के नाम पर 7 करोड़ 84 लाख खर्च
बता दें कि लगभग एक माह पहले ही सिल्ट सफाई व तटबन्ध मरम्मत के नाम पर 7 करोड़ 84 लाख का काम हुआ। सिल्ट सफाई व तटबंध मरम्मत के नाम पर सिचाई विभाग ने जून माह में झिंगटी गांव से लेकर सगरहवा गांव तक आठ किमी नाला में करोड़ों रूपये खर्च किया था। बावजूद इसके तटबंध पहली ही बारिश में धराशायी हो गया।
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सैकड़ों एकड़ फसल जलमगन
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में किसानों ने कहा कि यहां के किसान और ग्रामीण महाव के टूटने का दंश प्रत्येक वर्ष झेलने को मजबूर है। इसके लिए लाखों रूपये पानी की तरह बहाये जाते हैं लेकिन उचित तरीके से कार्य न होने के कारण बंधा हर बार टूट जाता है और लोग संकट से घिर जाते हैं। इस बार भी किसानों की सैकडों एकड़ फसल दलमग्न हो गई है।
वन विभाग ने कराया 2 करोड़ का कार्य
महाव नाले का लगभग 2 किलोमीटर जिंगटी से लेकर सगरहवा तक का लगभग 2 करोड़ से ज्यादा का काम वन विभाग में पड़ता है। यहां भी इतना ही काम वन विभाग के द्वारा कराया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल मे पड़ने वाले महाव नाले की सफाई ठीक से न होने के कारण पानी का बहाव साफ नहीं हो पाता है और उसी दबाव के कारण जब पानी आता है तो बंधे रोक नही पाते और टूट जाते हैं।
जानकारी के मुताबिक कुल 8 किलोमीटर सिल्ट सफाई व तटबंध मरम्मत के नाम पर करोड़ों खर्च हो चुके हैं लेकिन परिणाम सिफर ही है।