DN Exclusive: महराजगंज की खेती-किसानी पर नया संकट, तेजी से बंजर हो रही उपजाऊ कृषि भूमि, जानिये पूरा मामला
महराजगंज के सिंचाई विभाग के अफसर और खेती करने वाले किसान गंडक नहर में पानी आने से भले ही खुश हों लेकिन इसी नहर के पानी में एक नया संकट भी साथ में आ रहा है, जिससे जनपद की उपजाऊ कृषि भूमि तेजी से बंजर हो सकती है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
महराजगंजः सिंचाई विभाग के अधिकारी गंडक नहर में पानी छोड़ने के बाद खूब वाहवाही लूट रहे हैं। लेकिन पहाड़ व नहर सफाई के दौरान निकाले गए रेत से यहां के खेतों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। हालात यह है कि नहर में आधा पानी और आधी रेत बहकर आ रही है।
उपजाऊ खेतों को भारी नुकसान
पानी में आ रही रेत के कारण नहर कमांड एरिया में पड़ने वाले उपजाऊ खेतों को भारी क्षति पहुंच रही है। इससे न केवल महराजगंज की खेती बर्बाद होगी, बल्कि मंडल के गोरखपुर, देवरिया व कुशीनगर जिले के खेतों के भी प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है। जिम्मेदार अधिकारी और विभाग मामले पर चुच्पी साधे हुए है।
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पहाड़ी रेत से बंजर हो जायेगी खेती
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कृषि वैज्ञानिकों ने चेताया है कि तत्काल नहर में पानी संग बहकर आ रहे रेत को नहीं रोका गया तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाएगी और खेत ऊसर बन जाएंगे। उत्पादन सीधे आधा हो जाएगी। खेत के मिट्टी की नमी गायब हो जाएगी।
सब कुछ जानने के बाद भी इसकी चिंता न तो अधिकारियों को है और न ही जन प्रतिनिधियों को। जबकि बाल्मीकी नगर बैराज पर रेत को रोकने के लिए सिल्ट डिडेक्टर लगा हुए है। बावजूद नहर में भारी मात्रा में पानी संग रेत बहकर आ रहा है।
महराजगंज में गंडक नहरों का संजाल
महराजगंज जिले में सिंचाई खंड गोरखपुर की 34, सिंचाई खंड द्वितीय देवरिया की 15 व सिंचाई खंड महराजगंज की 104 नहरों का जाल है। इनमें महराजगंज की 81 माइनर ,17 राजवाहे, 3 शाखाएं व 3 नहरें मुख्य नहर शामिल है। जबकि सिंचाई खंड गोरखपुर के 26 माइनर, 7 राजवाहे व 1 शाखा शामिल है। वहीं सिंचाई खंड द्वितीय देवरिया के 11 माइनर 4 राजवाहों से सिंचाई होती है।
जिम्मेदारी बिहार सरकार की
सिंचाई विभाग गोरखपुर के अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि गंडक नहर में पहाड़ी रेत को रोकने के लिए बाल्मीकी नगर बैराज पर सिल्ट डिडेक्टर लगाया गया है। इसके रखरखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी बिहार सरकार को सौंपी गई है।