उत्तर प्रदेश में मानदेय न मिलने से अनुदेशक नाराज़, युवा हल्ला बोल के साथ मिलकर करेंगे आंदोलन
देश में शिक्षकों की क्या हालत है यह किसी से छिपी नहीं है। उत्तर प्रदेश में मानदेय न मिलने से 31 हजार अनुदेशकों का परिवार अवसाद में है। अब युवा हल्ला बोल के साथ मिलकर वे आंदोलन शुरु करने की तैयारी में हैं। पढ़ें डाइनामाइट की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में क्या है असल माजरा...
महराजगंज: उत्तर प्रदेश के करीब 31 हजार अनुदेशक तय वेतनमान के अनुसार मानदेय न मिलने से परेशान हैं। उनका कहन है कि 19 से 20 माह बीत जाने के बावजूद भी उनका मानदेय अटका हुआ है। ऐसी स्थिति में अनुदेशक और उनका परिवार अवसाद में जिंदगी गुज़ार रहे हैं। वे सरकार से गुहार लगाते-लगाते थक गए हैं लेकिन सरकार है कि उसे फिक्र ही नहीं है। अब पीड़ित अनुदेशकों ने युवा हल्ला बोल आंदोलन के साथ जुड़कर अपनी आवाज़ बुलंद करने की ठानी है।
इस संबंध में अनुदेशक संघ ने महराजगंज में युवा हल्ला बोल आंदोलन के कोऑर्डिनेटर गोविंद मिश्रा को पत्र लिखा और उनसे मुलाकात की। पत्र में उन्होंने अपनी समस्या का पूरा ब्यौरा दिया है।
वेतनमान पूर्व स्वीकृति अनुसार 17 हजार लागू करने की मांग
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अनुदेशकों की मांग है कि उनका वेतनमान 17 हजार लागू किया जाए। उनका कहना है कि 2017-2018 की पीएबी बैठक में इसकी मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन 19 से 20 माह बीत जाने के बावजूद भी इसे लागू नहीं किया गया है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत सृजित अंशकालिक अनुदेशक (कला, स्वास्थय, शिक्षा एवं कार्य अनुभव) का मानदेय राज्य एवं केंद्र सरकार की वार्षिक कार्य योजना एवं बजट में प्रस्तावित किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारिणी समिति (EC) की अंतिम मंजूरी में अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय प्रति अनुदेशक प्रति माह 17 हजार (11 माह 1.87 लाख) को स्वीकृति मिल चुकी है।
इसके तहत 21 मार्च 2017 से 27 मार्च 2017 के बीच हुई सर्व शिक्षा अभियान की पीएबी बैठक में 17 हजार मानदेय को मंजूरी देते हुए 15 मार्च 2017 को मिनट्स भी जारी कर दिया गया था। सर्व शिक्षा अभियान परियोजना कार्यालय, लखनऊ को मानव संसाधन विकास मंत्रालय से धनराशि भी प्राप्त हो चुकी है।
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31 हजार अनुदेशक हैं प्रभावित
पीएबी बैठक 2017-2018 में अनुदेशकों के 17 हजार वेतनमान के साथ-साथ शिक्षामित्र का 10 हजार और इंटरनेट एवं रिसोर्स टीचर्स का मानदेय 14500/- को भी मंजूरी मिली थी। अनुदेशकों को छोड़कर पिछले वर्ष के मार्च महीने से अन्य दोनों का मानदेय मिलना शुरु हो गया है। 19 से 20 माह बीत जाने बावजूद भी 17 हजार मानदेय का शासनादेश अब तक लागू न होने से अनुदेशक परेशान हैं। कुल 31 अनुदेशक इससे प्रभावित हैं। उनका परिवार अवसाद में जीवन व्यतीत कर रहा है।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने किया था वादा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषणों में कई बार अनुदेशकों से उनका मानदेय बढ़ाए जाने का वादा किया था। 1 जून 2018 को इटावा, 3 जून 2018 को भदोही और 23 जुलाई 2018 को हाथरस की रैली में उन्होंने घोषणा की थी कि वे अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने जा रहे हैं।