Maharajganj: घुघली में रावण का पुतला दहन कर लोगों ने मनाई खुशियां

डीएन संवाददाता

महराजगंज जनपद के घुघली के बारीगांव में रामलीला मेले का आयोजन किया गया। इस दौरान देर शाम रावण का पुतला दहन कर लोगों ने खुशियां मनाईं। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट।

पुतला दहन
पुतला दहन


महराजगंज: घुघली के ऐतिहासिक रामलीला मेला ग्राम सभा बारीगांव धर्मस्थली रामलीला में अहंकार और बुराई का प्रतीक रावण का पुतला जलाया गया। पुतला जलने के साथ ही अनाचार पर सदाचार की और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई।

रावण वध के पहले लक्ष्मण को शक्ति लगने, लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, कुंभकर्ण और मेघनाद वध के बाद राम-रावण युद्ध और अंत में रावण वध का मंचन किया गया। 

मेघनाद वध 

यह भी पढ़ें | Maharajganj: बारीगांव के रामलीला मेले में हुई खेलकूद प्रतियोगिता, जानें किसने मारी बाजी

रामलीला मेला कार्यक्रम में शनिवार को राम-रावण युद्ध का मंचन हुआ। रामलीला और रावण का पुतला दहन देखने के लिए दर्शकों की खूब भीड़ जुटी। इस दौरान घुघली पुलिस बल के साथ कई थानों की पुलिस भी मौजूद रही। मेला प्रबंधक छोटेलाल सिंह, रामनेवाश सिंह और अन्य सदस्य मौजूद रहे। रावण की लम्बाई 50 फिट लगभग रही।

घर क्यों लायी जाती हैं पुतले की जली लकड़ियां?

पौराणिक किवदंतियों के अनुसार श्रीराम सेना विजय के प्रतीक के रूप में लंका की राख अपने साथ लाई थी। यही कारण है कि आज भी रावण के पुतले की अस्थियों (लकड़ियों) को घर लाया जाता है। साथ ही यह मान्यता भी प्रचलित है कि धनपति कुबेर ने जिस स्वर्ण लंका का निर्माण किया था, उसकी राख घर की तिजोरी में रखने से स्वयं कुबेर का वास होता है। इसलिए घर में सुख-समृद्धि के लिए आज तक रावण का पुतला जलने के बाद लकड़ियों को घर लाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो जाता है।

यह भी पढ़ें | Maharajganj: सिसवा में राम-सुग्रीव मित्रता व बाली वध का मंचन, मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

यह भी जानें 

विजयदशमी का भारतीय इतिहास, संस्कृति और परंपरा में बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धरती को उसके अत्याचार से मुक्त किया था। वहीं, देवी माता की कृपा से भगवान राम ने लंका के राजा रावण को मारा था और विजय प्राप्त की थी। रामचरितमानस के मुताबिक, भगवान राम ने रावण को मारने के लिए 31 बाण चलाए थे। 

अगर आप युवा है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारी 'युवा डाइनामाइट' को विजिट कर सकते हैं। 
https://www.yuvadynamite.com/










संबंधित समाचार