महराजगंज: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना मच्छरों का आवास और सुअरबाड़ा
स्वास्थ्य केंद्रो में जहां लोग अपना इलाज करवाने जाते हैं वहीं पर लोगों को बीमार बनाने की तैयारी चल रही है। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर हर जगह जंगली सुअर नजर आ रहे हैं। जिससे बीमारी फैलने का खतरा और बढ़ सकता है। लेकिन प्रशासन और सरकार इससे बेखबर है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की खास खबर..
महराजगंज: देश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल किसी से छुपा नहीं है। आज स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से बिहार में कई बच्चों की चमकी बुखार के कारण जान चली गई है और पूरा देश इस मामले से परिचित है। वहीं उत्तर प्रदेश में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल भी बेहाल है।
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आपको जगह-जगह स्वच्छ भारत के पोस्टर चिपके हुए तो देखने को मिल जाएंगे लेकिन हकीकत क्या है? ये आप सभी जानते हैं। अब बारिश का मौसम शुरू हो गया है अब तो स्वच्छता के पोल खुलना सम्भव है। डेंगू, मलेरिया, दिमागी ज्वर, जापानी बुखार और तमाम होने वाले जानलेवा बीमारियों से बचाव का संदेश देने वाले सरकारी अस्पताल ही जब स्वच्छ नहीं हैं तो फिर सोचिए क्या इन बीमारियों से लड़ने की कल्पना भी एक आम आदमी कैसे कर सकता है।
जहां मच्छरों से सुअरों से बचाव के उपाय बताएं जाते हैं जब वहीं का ही हाल बेहाल हो जाए, तो स्वच्छ भारत और स्वस्थ्य भारत की कल्पना भी करना असंभव हो जाता है। आज कुछ ऐसा ही देखने को मिला है महराजगंज जनपद में जहां परतावल ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहले बारिश के दिन ही स्वच्छता की पोल खुल गई है। यहां स्वास्थ्य केंद्र पर मरीज फर्श पर सो रहे हैं और सुअर अस्पताल के बाहर रात हो या दिन घूमते नजर आ रहें हैं। तो वहीं जगह-जगह बने गड्ढ़े में बारिश का पानी इक्कठा होने से मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ गया है।
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जब इतनी लापरवाही बरतने वाले ही इस तरह का काम करते रहें तो स्वच्छ भारत और स्वस्थ्य भारत का निर्माण कैसे हो पायेगा? इससे पता चलता है कि ए.सी.कमरे में कुर्सी पर बड़े-बड़े स्तरों पर बैठे अधिकारियों को कुछ दिखाई नही देता और न ही कोई इसका सुध लेने वाला है।