New Delhi: वीजा धोखाधड़ी के आरोप में चार व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यूरोपीय देश जाने में मदद करने के लिए एक नाबालिग लड़के को दो पासपोर्ट उपलब्ध करवाने के मामले में उसके अभिभावकों सहित चार व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि वीजा के लिए लड़के के आवेदन को खारिज कर दिया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी।

वीजा धोखाधड़ी (फाइल)
वीजा धोखाधड़ी (फाइल)


नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यूरोपीय देश जाने में मदद करने के लिए एक नाबालिग लड़के को दो पासपोर्ट उपलब्ध करवाने के मामले में उसके अभिभावकों सहित चार व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि वीजा के लिए लड़के के आवेदन को खारिज कर दिया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने हाल ही में दिल्ली और पंजाब में आरोपियों के परिसरों पर छापे मारे थे।

अधिकारियों ने कहा कि फ्रांसीसी दूतावास को कथित धोखाधड़ी का पता एक वीजा आवेदन को संसाधित करते समय लगा, जब उसने पाया कि एक ही बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल एक अलग पासपोर्ट नंबर पर किया गया था, जिस पर स्पेन के लिए वीजा मांगा गया था और उसे दूतावास ने इसे खारिज कर दिया था।

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आरोप है कि सिमल सिंह और उनकी पत्नी मंजीत कौर ने अपने नाबालिग बेटे के लिए 20 जनवरी, 2020 को जालंधर से पासपोर्ट नंबर 'यू2486935' प्राप्त किया। आरोप है कि बाद में उन्होंने अपने बेटे के लिए दूसरा पासपोर्ट हासिल करने के लिए दिल्ली के तिलक नगर निवासी कृपाल सिंह नोटे और उनकी पत्नी सुरेश कुमारी नोटे के साथ मिलकर साजिश रची।

आरोप है कि सिमल सिंह और मंजीत कौर ने कथित तौर पर सर्वजीत सिंह नोटे के नाम पर एक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार किया, जिसमें उसे नोटे दंपति के बेटे के रूप में दिखाया गया और दोनों ने उस पर अपने नाबालिग बेटे की तस्वीर चस्पा दी।

अधिकारियों ने कहा कि वे अपने नाबालिग बेटे के लिए कथित तौर पर दो पासपोर्ट प्राप्त करने में सफल रहे - एक क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) जालंधर से जबकि दूसरा आरपीओ नयी दिल्ली से।

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अधिकारियों ने बताया कि साजिश के तहत दोनों ने नयी दिल्ली आरपीओ से जारी पासपोर्ट का उपयोग करके अपने बेटे के लिए स्पेन के वीजा के लिए आवेदन किया, जिसे 22 मार्च, 2022 को खारिज कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि वीजा के लिए आवेदन करने का दूसरा प्रयास भी असफल हो गया क्योंकि आवेदन को 11 मई, 2022 को खारिज कर दिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि यूरोपीय देशों में पहुंचने को बेताब दोनों ने जालंधर आरपीओ द्वारा जारी पासपोर्ट का उपयोग करके फ्रांसीसी दूतावास में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उक्त आवेदन 12 दिसंबर, 2022 को खारिज कर दिया गया, क्योंकि उक्त बायोमेट्रिक्स का जाली पासपोर्ट का उपयोग करके स्पेन के वीजा के लिए इस्तेमाल बायोमेट्रिक्स से मिलान हो गया जिसे अस्वीकृत कर दिया गया था।

 










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