NTPC ने वाराणसी में शुरू की हरित कोयला बनाने की परियोजना, इस तरह मिलेगा देश को लाभ

डीएन ब्यूरो

सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने वाराणसी में अपनी तरह की पहली वाणिज्यिक हरित कोयला (टॉरेफाइड चारकोल) परियोजना शुरू की है।

अब कचरे से बनेगा कोयला
अब कचरे से बनेगा कोयला


नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने वाराणसी में अपनी तरह की पहली वाणिज्यिक हरित कोयला (टॉरेफाइड चारकोल) परियोजना शुरू की है।

कंपनी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना के तहत नगर पालिका के कचरे से हरित कोयला बनाया जायेगा। एनटीपीसी ने नगर निगम के कचरे से हरित कोयला बनाने की योजना लगभग तीन साल पहले बनाई थी।

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‘टॉरेफाइड चारकोल’ प्राकृतिक कोयले के समान होता है और बिजली उत्पादन के लिए तापीय बिजलीघरों में इसका ईंधन के साथ सफलतापूर्वक तरीके से मिश्रण किया जाता है। यह पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया होती है जिसमें कचरे को जलाया नहीं जाता बल्कि रिएक्टर के भीतर प्रसंस्कृत किया जाता है।

बयान के अनुसार यह परियोजना एनटीपीसी की इकाई एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएनएल) ने इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के आधार पर मैकोबर बीके को दी थी। हाल ही में, वाराणसी के रमना में हरित कोयला परियोजना संयंत्र में 200 टन प्रति दिन (टीपीडी) क्षमता के पहले रिएक्टर मॉड्यूल को स्थापित और चालू किया गया।

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इस संयंत्र की सभी तीन इकाइयों की स्थापना के बाद इसकी कुल अपशिष्ट प्रबंधन क्षमता 600 टन प्रतिदिन होगी।

कंपनी ने कहा कि एनटीपीसी को इस इकाई से 200 टन अपशिष्ट से 70 टन हरित कोयला मिला। सफल प्रयोग के बाद, अपशिष्ट से हरित कोयला बनाने के और संयंत्र लगाये जाएंगे।










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