यूपी बना मुकदमा प्रदेश, रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ संगीन धाराओं में एफआईआर

डीएन ब्यूरो

योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस सूर्य प्रताप सिंह पर एक और मुकदमा संगीन धाराओं में दर्ज किया गया है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव

रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह
रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह


कासगंज: जिले के अमापुर थाने में 1982 बैच के रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 217/2020 धारा 153-A और 67 A के तहत एक एफआईआर रविवार को पुलिस ने खुद पंजीकृत करायी है।

 

यह एफआईआऱ अमापुर थाने के दरोगा परमेंदर सिंह ने दरिज करायी है। आरोप है कि रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने कल एक ट्विट किया था जिसे कासगंज पुलिस ने गलत ठहराया। एसपी मनोज सोनकर ने एफआईआर के बारे में बताया कि अवकाश प्राप्त आईएएस के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। 

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गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ तीन एफआईआऱ दर्ज की गयी है। आरोप है कि सूर्य प्रताप सिंह यूपी में घटने वाली आपराधिक घटनाओं को लेकर सवाल खड़े करते हैं।

सिंह बदायूं, बिजनौर, मसूरी, मुजफ्फरनगर, बरेली जैसे बड़े जिलों में जिलाधिकारी और अयोध्या मंडल के मंडलायुक्त रह चुके हैं।

 

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चर्चा है कि लखनऊ में बैठे एक बड़े आईएएस अफसर ने इस मामले को शुरु से अपनी अहम की आग से देखा, जिस मामले में एफआईआर नहीं होनी चाहिये थी, उसमें भी जबरदस्ती एफआईआर कराकर सिंह को डराने की कोशिश की गयी, ऐसे में मामला बिगड़ गया और अब सोशल मीडिया पर सिंह काफी वोकल हैं और सरकार की जबरदस्त किरकिरी हो रही है। 

इस बड़े अफसर ने अपने अहम के चक्कर में सरकार की छवि से क्यों समझौता किया, यह बड़ा सवाल है, शायद उसे पता है कि चुनाव में सरकार को जाना है, अफसर को थोड़े ही? 

 

 










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