किसानों का सहारा लेकर कसाइयों को बचाना चाहता है विपक्ष

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को राज्य विधानसभा में आरोप लगाया कि विपक्ष किसानों का सहारा लेकर कसाइयों को बचाना चाहता है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

उत्तर प्रदेश के मंत्री धर्मपाल सिंह (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के मंत्री धर्मपाल सिंह (फाइल फोटो)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को राज्य विधानसभा में आरोप लगाया कि विपक्ष किसानों का सहारा लेकर कसाइयों को बचाना चाहता है।

विधानसभा के बजट सत्र में, प्रश्‍न काल के दौरान सोमवार को कांग्रेस की आराधना मिश्रा 'मोना' ने राज्य सरकार से किसानों के फसलों को छुट्टा जानवरों से बचाने के लिए ठोस और सार्थक नीति बनाने की मांग की। उन्होंने किसानों द्वारा खेतों में लगाये गए कटीले और धारदार तार को सरकार द्वारा प्रतिबंधित किये जाने का विषय भी उठाया।

पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपने जवाब में कहा, ''विपक्ष किसानों का सहारा लेकर कसाइयों को बचाना चाहता है।'' इस पर, विपक्षी सदस्यों ने नाराजगी जताई, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शोरगुल कर रहे विपक्षी सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की।

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राष्‍ट्रीय लोकदल(रालोद) के राजपाल सिंह बालियान और समाजवादी पार्टी (सपा) के स्वामी ओमवेश तथा अनिल कुमार ने भी किसानों से जुड़ा यह मुद्दा उठाया।

बालियान ने सवाल किया कि क्या सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई करेगी। सपा के अवधेश प्रसाद समेत अन्‍य सदस्‍यों ने सांड के हमले से किसानों की मौत होने पर आर्थिक अनुदान प्रदान करने की मांग की।

वहीं, पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री ने कहा कि कंटीले तार से गोवंश को खरोंच लगती है, इसलिए किसान रस्सी जैसे तार का उपयोग कर सकते हैं।

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सिंह ने एक अन्य प्रश्‍न का जवाब देते हुए कहा कि दो जनवरी, 2019 के शासनादेश के जरिये प्रदेश के समस्त ग्रामीण, शहरी स्थानीय निकायों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना तथा संचालन नीति बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 303 स्थायी वृहद गो संरक्षण केन्‍द्र की स्‍थापना की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसके अलावा, मुख्‍यमंत्री निराश्रित-बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत निराश्रित-बेसहारा गोवंश को इच्‍छुक कृषकों/पशुपालकों/अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द कर निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है।










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