माघ पूर्णिमा के मौके पर वाराणसी में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
पौराणिक मान्यता है कि माघ मास का हर दिन पवित्र होता है लेकिन पूर्णिमा का महात्मय सबसे श्रेष्ठ माना गया है
वाराणसी: आज माघ पूर्णिमा है। हिंदू धर्म में माघ महीने का बहुत ही खास महत्व होता है। पौराणिक मान्यता है कि इस मास का हर दिन पवित्र होता है। लेकिन पूर्णिमा का महात्मय सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
माघ मास की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार पूर्णिमा चंद्र मास का अंतिम दिन होता है। मघा नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होने के कारण ही इस मास को माघ मास कहा जाता है।
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क्या है इस दिन का महत्व
माघी पूर्णिमा स्नान का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। मान्यता है कि सभी देवता माघ मास में गंगा स्नान के लिये पृथ्वी पर आते हैं। यही कारण है कि कल्पवास को बहुत ईष्टकारी माना गया है। एक मान्यता यह भी है कि द्वापर युग में दानवीर कर्ण को माता कुंती ने माघी पूर्णिमा के दिन ही जन्म दिया था।
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इसी दिन कुंती ने उन्हें नदी में प्रवाहित किया था। इस दिन गंगा, यमुना सहित अन्य धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से दैहिक, दैविक, भौतिक आदि सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
वैसे तो धार्मिक ग्रंथों में पूरे महीने स्नान करने का महत्व बताया गया है लेकिन यदि कोई पूरे मास स्नान नहीं भी कर पाता है तो माघी पूर्णिमा से लेकर फाल्गुनी दूज तक स्नान करने से पूरे माघ मास स्नान करने के समान ही पुण्य की प्राप्ति की जा सकती है।