पीएम मोदी ने सराहा मिशन अमृत सरोवर की उपलब्धियां, जानिये अब तक कितने सरोवर हुए विकसित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 11 महीनों में मिशन अमृत सरोवर के तहत लगभग 40,000 जलाशय विकसित किए जाने की उपलब्धि की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि जिस गति से इस दिशा में काम किया जा रहा है, वह 'अमृत काल' के हमारे संकल्पों में नई ऊर्जा का संचार करता है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 11 महीनों में मिशन अमृत सरोवर के तहत लगभग 40,000 जलाशय विकसित किए जाने की उपलब्धि की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि जिस गति से इस दिशा में काम किया जा रहा है, वह 'अमृत काल' के हमारे संकल्पों में नई ऊर्जा का संचार करता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, पिछले 11 महीनों में मिशन अमृत सरोवर के तहत लगभग 40,000 जल निकायों का विकास किया गया है, जो योजना के तहत लक्ष्य का लगभग 80 प्रतिशत है।
जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक ट्वीट में कहा कि मिशन अमृत सरोवर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘40 हजार से अधिक अमृत सरोवर राष्ट्र को समर्पित किए जा चुके हैं। 15 अगस्त, 2023 तक 50 हजार अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य है।’’
शेखावत के ट्वीट का जवाब देते हुए मोदी ने ट्विटर पर कहा, ‘‘बहुत-बहुत बधाई! जिस तेजी से देशभर में अमृत सरोवरों का निर्माण हो रहा है, वह अमृतकाल के हमारे संकल्पों में नई ऊर्जा भरने वाला है।’’
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष से 100 वर्ष तक की 25 साल की अवधि को प्रधानमंत्री ने अमृत काल का नाम दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले साल 24 अप्रैल को शुरू किए गए मिशन का उद्देश्य ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है।
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इस योजना के तहत विकसित किए जाने वाले अमृत सरोवरों की कुल संख्या लगभग 50,000 है, जिन्हें इस साल 15 अगस्त तक विकसित किया जाना था।
गुजरात पर्यटन के प्रचार के एक वीडियो पर एक ट्वीट का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘कच्छ पर एक प्यारा वीडियो। जब 2001 में भयंकर भूकंप आया, तो लोगों ने कच्छ के शोक संदेश लिख दिए थे लेकिन इस जिले के लोगों के बारे में कुछ उल्लेखनीय है। वे फिर से उठे और जिले को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। आज कच्छ पर्यटन के लिए एक शानदार गंतव्य है।’’
लद्दाख को उसकी लकड़ी की नक्काशी के लिए जीआई टैग मिलने की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि इससे लद्दाख की सांस्कृतिक परंपराएं और भी लोकप्रिय होंगी और कारीगरों को लाभ होगा।
मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के भी एक ट्वीट का जवाब दिया। उन्होंने कहा था कि स्वर्ण जयंती सीमा रोशनी कार्यक्रम प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है कि सीमावर्ती गांव अंतिम नहीं हैं, बल्कि वे सबसे पहले बदले जाएंगे।
खांडू ने ट्वीट किया ‘‘मेरे मुक्तो विधानसभा क्षेत्र के मागो गांव में एक नया सवेरा देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 50 मिनी और माइक्रो हाइडल परियोजनाएं विकसित की जाएंगी, जिससे ग्रामीणों और सीमा की रक्षा करने वाले बलों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।’’
खांडू के ट्वीट को टैग करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सीमावर्ती क्षेत्रों में एक स्वागत योग्य विकास, जो सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाएगा।’’
मोदी ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के उस ट्वीट का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने सिटी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क पर सुविधाजनक और किफायती ईंधन की पेशकश के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए जाने की बात कही थी।
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पुरी ने कहा था कि वर्ष 2014 में केवल 66 जिलों में सीजीडी नेटवर्क था जो 2023 में 630 जिलों तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 2014 में घरेलू पीएनजी कनेक्शन की संख्या केवल 25.40 लाख थी जो अब बढ़कर 103.93 लाख हो गई है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने कहा कि ये अच्छे आंकड़े हैं और वह उन सभी की सराहना करते हैं जिन्होंने इस कवरेज को बनाने के लिए वर्षों तक कड़ी मेहनत की।
एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा कि एम्स मंगलगिरी में 10 लाख बाह्य रोगी परामर्श के आंकड़े को पार करना संस्थान की अच्छी उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हाल ही में मन की बात कार्यक्रमों में से एक में मैंने इस मुद्दे पर चर्चा की थी, जिसमें एक डॉक्टर और किसी ऐसे व्यक्ति के साथ बातचीत शामिल थी, जिसे टेली-परामर्श से लाभ हुआ है।’’
मोदी ने माधवपुर मेले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के ट्वीट का भी जवाब दिया।
मोदी ने कहा, ‘‘माधवपुर मेले की बदौलत गुजरात और पूर्वोत्तर के बीच शानदार सांस्कृतिक तालमेल है।’’