पॉक्सो के दोषी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र के ठाणे जिला में एक अदालत ने 35 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की नाबालिग बहन का यौन उत्पीड़न करने और उसे प्रताड़ित करने के जुर्म में 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

यौन उत्पीड़न करने के दोषी को 10 साल सश्रम कारावास
यौन उत्पीड़न करने के दोषी को 10 साल सश्रम कारावास


ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिला में एक अदालत ने 35 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की नाबालिग बहन का यौन उत्पीड़न करने और उसे प्रताड़ित करने के जुर्म में 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विशेष न्यायाधीश वी. वी. वीरकर ने यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में सुनवाई के दौरान छह मई को यह आदेश पारित किया और दोषी व्यक्ति पर 8,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने अदालत को बताया कि पीड़ित को उसकी बहन ने अप्रैल 2018 में कुछ दिन पड़ोसी मुंबई के दहिसर इलाके में स्थित अपने घर पर कुछ दिन रहने के लिए बुलाया था। घटना के वक्त पीड़ित 17 साल की थी।

पीड़ित की बहन जब काम से घर से बाहर जाती तब उसके पति ने कई बार नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया। आरोपी ने पीड़ित को लोहे के पाइप और छड़ी से पीटा और उसकी पीठ को गर्म चिमटे से दाग भी दिया।

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अभियोजक ने अदालत को बताया कि एक बार दंपति के सोते समय पीड़ित वहां से भाग गई और एक गिरजाघर पहुंची। वहां मदद मिलने के बाद वह थाने पहुंची और व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी करार दिया।










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