प्राथमिक विद्यालय की मान्यता नहीं, अप्रिशिक्षित शिक्षकों के भरोसे नौनिहालों का भविष्य, जिम्मेदारों के निर्देश साबित हो रहे हवा हवाई
महराजगंज जनपद के बिस्मिल नगर स्थित महाराणा प्रताप शिशु मंदिर शिक्षा विभाग के मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है। बीएसए, डीआईओएस की जांच में उजागर हुई खामियों के बाद भी विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ का मामला प्रकाश में आया है। पढें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: जनपद के बिस्मिल नगर वार्ड में वर्ष 1990 से संचालित महाराणा प्रताप शिशु मंदिर की मान्यता वर्ष 2001 तक थी।
शासनादेश के अनुसार यदि विद्यालय मान्यता की सभी शर्ते पूरी करता है तो नवीनीकरण की बाध्यता समाप्त कर दी जाएगी।
अब मान्यताओं की शर्तों पर गौर करें तो प्रशिक्षित बीटीसी व बीएड टीचर, स्कूल की निजी भूमि, विद्यालय के सभी कमरे लिन्टर, खेलकूद मैदान आदि मानक निर्धारित किए गए हैं।
एक शिकायकर्ता के प्रार्थना पत्र पर जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को जांच के आदेश कर आख्या भी मांगी थी।
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जांच में पांच शिक्षक अप्रिशिक्षत पाए भी गए और प्राथमिक विद्यालय मानकों पर खरा नहीं उतरना पाया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक ओमप्रकाश पटेल, अविनाश प्रजापति, योगेश्वर पटेल, शर्मा सिंह, अवधेश प्रजापति अप्रिशिक्षित पाए गए थे।
बीएसए ने प्रबंधक को पत्र भेजकर जांच आख्या की बिंदु संख्या तीन में मान्यता अवधि समाप्त होने का जिक्र भी किया था।
5 सितंबर 2023 को डीआईओएस ने पुनः अप्रिशिक्षित टीचरों का जिक्र आख्या में किया था।
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16 मार्च 2024 को पुनः डीआईओएस ने अप्रिशिक्षित टीचरों को लेकर विद्यालय प्रबंधक को निर्देशित भी किया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक विद्यालय की मान्यता के बगैर वर्ष 2016 में हाईस्कूल एवं वर्ष 2018 में इंटरमीडिएट कालेज की मान्यता प्रदान है।
बहरहाल जो भी इससे नौनिहालों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं।