रायबरेली: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और फर्जीवाड़े में चौंकाने वाला खुलासा

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद में फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र (Fake Birth Certificates) मामले में चोंकाने वाली जांच रिपोर्ट सामने आई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने किया खुलासा
सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने किया खुलासा


रायबरेली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रायबरेली जनपद (Raebareli) में फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र (Fake Birth Certificates) मामले में चोंकाने वाली जांच रिपोर्ट सामने आई है। सीडीओ (CDO) अर्पित उपाध्याय ने बताया कि यहां अब तक कुल बने 19 हज़ार 775 ऑनलाइन जन्म प्रमाणपत्रों में से केवल 230 ही सही मिले हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सीडीओ ने बताया कि बचे हुए 19 हज़ार 545 जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र फ़र्ज़ी पाए गए हैं। यह सभी जन्म प्रमाणपत्र यहाँ के सलोन ब्लॉक स्थित छह ग्राम सभाओं में बनाये गए हैं।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक दो महीने पहले जनपद के सलोन ब्लॉक में फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र बनाये जाने का मामला सामने आया था। इस मामले में सभी जन्म प्रमाणपत्र यहां स्थित सहज जनसेवा केंद्र से जारी हुए थे। बाद में सामने आया था कि जनसेवा केंद्र संचालक ज़ीशान और उसका पिता रियाज़ ग्राम विकास अधिकारी की आई डी पासवर्ड चुराकर फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र जारी करते थे।

इस मामले में वीडीओ जीतेन्द्र यादव ने सलोन थाने में तहरीर भी दी थी कि उसका आई डी पासवर्ड चोरी होकर उससे फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र जारी किये गये हैं।

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इस मामले में शासन के निर्देश पर एटीएस जांच करने पहुंची तो जीतेन्द्र यादव की ज़ीशान के साथ मिली भगत सामने आयी थी। इसके बाद ही वीडीओ जीतेन्द्र सिंह समेत ज़ीशान और पिता रियाज़ को गिरफ्तार गया था। पुलिस की जांच में सामने आया था कि सलोन ब्लॉक में छह ग्राम सभाओं में 19 हज़ार से ज़्यादा ऐसे फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र बना दिये गये जिनका इन गांवों से कभी कोई सम्बन्ध ही नहीं रहा। 

फिलहाल जांच रिपोर्ट में 19 हज़ार 775 फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र बनाये जाने की पुष्टि के बाद एटीएस इस मामले में जांच तेज़ करेंगी कि कहीं देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े लोगों ने तो फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र नहीं बनवा लिए हैं।










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