पढ़िये परिवार से तिरस्कृत दो कुष्ठ रोगियों की ये प्रेम कहानी, ठीक होने पर 60 साल बाद लिया ये फैसला

डीएन ब्यूरो

कुष्ठ रोग होने पर अपने-अपने परिवारों द्वारा तिरस्कृत एक पुरुष और महिला ने इस बीमारी से मुक्त होने के बाद 60 वर्ष से अधिक की उम्र में एक-दूसरे के साथ जिंदगी गुजारने का फैसला किया और शादी कर ली। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

60 साल के बाद रचाई शादी
60 साल के बाद रचाई शादी


बालासोर (ओडिशा): कुष्ठ रोग होने पर अपने-अपने परिवारों द्वारा तिरस्कृत एक पुरुष और महिला ने इस बीमारी से मुक्त होने के बाद 60 वर्ष से अधिक की उम्र में एक-दूसरे के साथ जिंदगी गुजारने का फैसला किया और शादी कर ली।

बालासोर के सदर ब्लॉक के तहत आने वाले सार्था गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि जिले के रेमुना ब्लॉक में बामपाड़ा के एक सरकार द्वारा प्रायोजित कुष्ठ रोग उपचार केंद्र में चार वर्ष तक इलाज कराने वाले दासा मरांडी (63) पुरुष वार्ड में भर्ती रहे क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों ने चर्म रोग होने पर उन्हें त्याग दिया था।

कुछ ऐसी ही स्थिति पद्मावती (65) की थी। उसे 10 वर्ष तक उपचार के दौरान अस्पताल में अकेले छोड़ दिया गया। उसके पति की मौत हो गयी थी और परिवार के अन्य सदस्यों ने उसे अपने हाल पर छोड़ दिया।

दोनों अब बीमारी से उबर चुके हैं। लेकिन चिकित्सकों द्वारा पूरी तरह स्वस्थ घोषित किए जाने के बावजूद उनके परिवारों ने उन्हें अपनाया नहीं।

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बालासोर के एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन परीदा ने कहा, ‘‘रूढ़िवादी ग्रामीण समाज में एक वक्त में कलंक मानी जाने वाली इस बीमारी को लेकर अब भी लोगों की मानसिकता बदली नहीं है।’’

अपने सगे-संबंधियों द्वारा छोड़ दिए जाने के बाद दासा और पद्मावती ने बाकी की जिंदगी एक साथ गुजारने का फैसला किया है।

दासा मरांडी ने बताया कि उनकी इच्छा के अनुसार कुष्ठ रोगी उपचार केंद्र के अन्य रोगियों और कर्मियों ने हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार उनकी शादी करायी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम कई वर्षों से करीब थे। पहले मैंने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया और वह मान गयीं।’’

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वे उपचार केंद्र के नजदीक बने एक पुनर्वास केंद्र में रहेंगे।

बालासोर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी और अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी ने नवविवाहित बुजुर्ग दंपति के साथ ही कुष्ठ रोग उपचार केंद्र के कर्मचारियों तथा अन्य रोगियों को बधाई दी जिन्होंने शुक्रवार को एक मंदिर में विवाह समारोह की व्यवस्था की।

उपचार केंद्र की एक कर्मचारी दुर्गा मणि उपाध्याय ने बताया कि शादी का सारा खर्च केंद्र के कर्मचारियों ने वहन किया।

बालासोर के अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने कहा, ‘‘दोनों पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और वह दूसरे लोगों की तरह खुशहाल और सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं।’’










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