गंगा के लिये अनशन पर बैठे महान पर्यावरणविद प्रो. जी डी अग्रवाल का निधन
इससे ज्यादा अफसोसजनक और क्या होगा कि गंगा की स्वच्छता के लिये बड़े दावे करने वाली सरकार की अनदेखी के कारण देश में निर्मल और अविरल गंगा के लिये अनशन पर बैठे किसी शख्स की मौत हो जाये.. सरकार की इसी उपेक्षा के कारण प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रो जीडी अग्रवाल अब इस दुनिया में नहीं रहे। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
नई दिल्ली: देश में निर्मल और अविरल गंगा के लिये जून माह से अनशन पर बैठे देश के सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रो जीडी अग्रवाल सरकार की उपेक्षा का कारण अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका 84 वर्ष की उम्र में गुरूवार को निधन हो गया। जलत्याग करने के बाद बुधवार दोपहर को प्रशासन के इशारों पर हरिद्वार पुलिस ने प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद को जबरन उठाकर ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती करवा दिया था।
प्रो. जीडी अग्रवाल सरकार से गंगा के लिए विशेष कानून बनाने की मांग कर रहे थे। 111 दिनों से आमरण अनशन कर रहे पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद बीते मंगलवार शाम को जल भी त्याग दिया था। उन्होंने सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के आग्रह को भी अस्वीकार कर दिया।
यह भी पढ़ें |
Uttrakhand: सरकार ने गुटखा, पान मसालाें पर लगाया प्रतिबंध
Uttarakhand: GD Agarwal, who was on an indefinite fast in Haridwar since June 22 in a bid to urge the govt to clean river Ganga, passed away in AIIMS Rishikesh today due to a heart attack.
— ANI (@ANI) October 11, 2018
प्रोफेसर अग्रवाल 22 जून से गंगा कानून की मांग को लेकर हरिद्वार के उपनगर कनखल के जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में अनशन पर बैठे हुए हैं।
यह भी पढ़ें |
BJP विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का निधन, कुछ ही दिन पहले पत्नी ने इस दुनिया को कहा था अलविदा
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने भी हरिद्वार के मातृसदन आश्रम में सानंद से मुलाकात कर अनशन समाप्त कराने का प्रयास किया था। लेकिन सानंद ने गंगा एक्ट लागू होने तक अनशन जारी रखने की बात कही थी।