मौलाना आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज में सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम, डॉक्टरों ने लोगों से की ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील
मौलाना आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर डॉक्टरों ने लोगों से ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: मौलाना आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग द्वारा 11 जनवरी से 17 जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया।
सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत गुरूवार को आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित डॉक्टरों, प्रशिक्षुओं, मरीजों और आम लोगों द्वारा सड़क सुरक्षा उपायों को अपनाने की की शपथ ली गई।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. तूलिका त्रिपाठी, निदेशक प्राचार्य, डॉ. सुजाता मोहंती, प्रमुख और प्रोफेसर (एसएजी), डॉ. ज़ैनब चौधरी, प्रोफेसर (एसएजी), डॉ. पंकज शर्मा, प्रोफेसर (एसएजी) के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक किया गया।
घायल व्यक्ति की कैसे मदद
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में डा. सुजाता मोहंती, हैड एंड प्रोफेसर (एसएजी) ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम के तहत कई तरह के नाटक-नुक्कड़ का आयोजन किया गया, जिसमें आम जनता को बताया गया कि सड़क हादसे के दौरान घायल व्यक्ति की कैसे मदद की जा सकती है और कैसे किसी पीड़ित को सुरक्षित तरीके से तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है, ताकि उसकी जान बचाई जा सके।
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डा. सुजाता मोहंती ने कही कि उनके विभाग में जब सड़क हादसे में घायल कोई पीड़ित या मरीज आता है तो सबसे पहले हम उसका इमरजेंसी ट्रीममेंट किया जाता है। हमारा पहली प्राथमिकता मरीज को सामान्य रूप में लाना होता है। उन्होंने कहा ठंड के दिनों में खासकर कोहरे, धुंध और बरसात के कारण सड़क हादसों की संख्या बढ़ जाती है। हमारे पास औसतन 5 से 7 मरीज प्रतिदिन आते है। उन्होंने से हर रोड यूजर्स से ट्रैफिक नियमों का पालन करने और सड़क पर ज्यादा सावधानी बरतने की अपील की, ताकि हर व्यक्ति सुरक्षित रह सके।
घायलों को सावधानी से अस्पताल पहुंचाना भी जरूरी
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में डॉ. जैनब चौधरी, प्रोफेसर (एसएजी) ने कहा कि सड़क दुर्घटना के दौरान पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में भी सावधानी की जरूरत होती है। घायल व्यक्ति के लिए शुरूआती क्षण बेहद अहम होते है, उसे तुरंत कोई भी समय गंवाये अस्पताल पहुंचाना चाहिये। पीड़ित को किस तरह की चोट लगी है, बिना मेडिकल परीक्षण के इसका पता नहीं चलता। एंबुलेंस के आने तक घायल को तुरंत एक ऐसी सुरक्षित जगह पर लैटाएं, जहां उसे कोई और चोट न लगे। जब उसे अस्पताल ले जाएं तो ध्यान रखें कि रास्ते में उसकी गर्दन लटके नहीं। उसके सिर और गर्दन को सपोर्ट दें।
डाइनामाइट न्यूज़ के एक सवाल के जवाब में डॉ. जैनब ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति अंदर से सड़क सुरक्षा के प्रति गंभीर व जागरूक हो तो हमारे सिस्टम को ट्रैफिक पुलिस की भी जरूरत नहीं पड़ेगी और सड़क हादसों में अकाल मौतों पर भी रोक लगेगी। उन्होंने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को सबसे बड़ी इंसानी लापरवाही बताया।
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कार्यक्रम में उपस्थित सभी डॉक्टरों ने कहा कि हर एक जीवन अनमोल है इसलिये सड़कों पर खुद को भी सुरक्षित रखें और दूसरों को भी सुरक्षित रखने पर ध्यान दें।
कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा को लेकर स्नातक बीडीएस छात्रों और प्रशिक्षुओं द्वारा नुक्कड़ नाटक का शानदार प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा सीनियर रेजिडेंट्स द्वारा रचनात्मक वीडियो के जरिये लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया।