Raebareli News: रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाला, 52,955 प्रमाणपत्र पाए गए फर्जी
रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में छह और गावों की जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस जांच रिपोर्ट में भी चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले का खुलासा चौंकाने वाला है। डीपीआरओ सौम्य शील की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, 11 गांवों में कुल 53,368 जन्म प्रमाणपत्रों में से 52,955 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। केवल 413 प्रमाणपत्र ही सही मिले हैं।
पिछले छह महीनों से जारी है जांच
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, करीब छह महीने पहले सलोन ब्लॉक में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने का मामला सामने आया था। यहां सहज जनसेवा केंद्र से ये प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। जनसेवा केंद्र संचालक ज़ीशान और उसके पिता रियाज पर आरोप है कि उन्होंने ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) जितेंद्र सिंह यादव की आईडी और पासवर्ड चोरी कर यह फर्जीवाड़ा किया।
वीडीओ और जनसेवा संचालकों की मिलीभगत
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शासन की जांच के दौरान एटीएस ने पाया कि वीडीओ जितेंद्र सिंह यादव की ज़ीशान और उसके पिता रियाज के साथ मिलीभगत थी। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्जी प्रमाणपत्रों का गांवों से कोई संबंध नहीं था।
11 गांवों में बड़ी संख्या में फर्जी प्रमाणपत्र
सितंबर में पहली जांच के दौरान 5 गांवों में 19,775 प्रमाणपत्रों में से 19,545 फर्जी निकले थे। वहीं, हालिया रिपोर्ट में 6 और गांवों के 33,593 में से 33,410 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। कुल मिलाकर, 52,955 फर्जी प्रमाणपत्र बनाए जाने की पुष्टि हो चुकी है।
विदेशी कनेक्शन की आशंका
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सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले में बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या कनेक्शन की भी आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि देशभर के अलावा विदेशों में रहने वाले लोगों के लिए भी फर्जी प्रमाणपत्र जारी हुए हैं। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए एटीएस और एनआईए जांच कर रही है।
अधिकारियों की चुप्पी
स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी जांच पूरी होने से पहले कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। एटीएस की रिपोर्ट के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि क्या इस फर्जीवाड़े का संबंध किसी देशविरोधी गतिविधि से है।