सीबीआई की FIR के खिलाफ समीर वानखेड़े पहुंचे मुंबई हाई कोर्ट, मामले में जानिये ये बड़े अपडेट

डीएन ब्यूरो

आर्यन खान को तीन अक्टूबर 2021 को मुंबई से गोवा जा रहे कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

समीर वानखेड़े
समीर वानखेड़े


मुंबई: मुंबई में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने क्रूज से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को आरोपी न बनाने के एवज में उनसे कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध को लेकर शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया।

उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में वानखेड़े ने यह भी अनुरोध किया है कि सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के संबंध में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। पीठ शुक्रवार को ही इस याचिका पर सुनवाई करेगी।

सीबीआई ने वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल ही में प्राथमिकी दर्ज की थी।

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आर्यन खान को तीन अक्टूबर 2021 को मुंबई से गोवा जा रहे कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के नाकाम रहने पर बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी।

सीबीआई ने एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत से संबंधित प्रावधानों के अलावा आपराधिक साजिश रचने और जबरन वसूली की कोशिश करने के आरोप में मामला दर्ज किया था।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई जोन को अक्टूबर 2021 में निजी क्रूज जहाज कॉर्डेलिया पर कुछ लोगों द्वारा मादक पदार्थ रखने तथा उनका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने साजिश रची और कथित आरोपियों से रिश्वत के रूप में अवैध लाभ हासिल किया।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को वानखेड़े को दंडात्मक कार्रवाई से पांच दिनों के लिए सुरक्षा प्रदान करते हुए उपयुक्त अदालत (बंबई उच्च न्यायालय) का रुख करने की छूट दे दी थी।

मुंबई में सीबीआई अधिकारियों ने वानखेड़े को बृहस्पतिवार को मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।










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