Covid-19 in India: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा इमरजेंसी प्लान, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर किये ये सवाल
देश की सर्वोच्च अदालत में गुरूवार को देश में जारी कोरोना के कहर को लेकर फिर एक बार सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता जताई और सरकार से इमरजेंसी प्लान भी पूछा। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश में जारी महामारी के बीच कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सिजन की आपूर्ति अन्य गंभीर मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान देश की सर्वोच्च अदालत ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता व्यक्त की और उसको लेकर अभी से तैयारियां करने पर ज़ोर दिया। इसके साथ ही देश की शीर्ष अदालत ने सरकार से कोरोना से निपटने का इमरजेंसी प्लान भी पूछा।
आम आदमी, सरकार के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी देश में कोरोना की तीसरी संभावित लहर को लेकर चिंता जाहिर की। अदालत ने सरकार से पूछा कोरोना मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सवाल किया है कि अगर बच्चों पर तीसरी लहर में असर होता है, तो सरकार द्वारा इसके लिये क्या तैयारी की जा रही है? इससे निपटने का इमरजेंसी प्लान क्या है। टीकाकरण में उनके बारे में सोचना होगा और सही प्लान बनाकर उस पर कार्य करना होगा।
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सर्वोच्च अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कल भविष्य में हालात बिगड़ते हैं और कोरोना के मामले बढ़ते हैं, तो सरकार इससे कैसे निपटेगी, इसके लिये आपने क्या प्लान बनाया है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि तीसरी लहर में बच्चों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीसरी लहर में क्या करना चाहिए उसकी तैयारी अभी करनी होगी, युवाओं का वैक्सीनेशन करना होगा, अगर बच्चों पर असर बढ़ता है तो कैसे संभालेंगे क्योंकि बच्चे तो अस्पताल खुद नहीं जा सकते।
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कोर्ट ने विभिन्न राज्यों को ऑक्सिजन की खरीद और आपूर्ति पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। केंद्र सरकार ने कहा कि ऑक्सिजन ऑडिट की जरूरत है। केंद्र सरकार की ओर से काेर्ट में पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली की 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की मांग सही नहीं है। इसके अलावा भी कोर्ट द्वारा केंद्र से कई संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है।
बता दें कि इससे पहले शीर्ष अदालत ने बुधवार को केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के अवमानना नोटिस पर रोक लगा दी थी। आदेश का अनुपालन करने में विफल रहने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को अवमानना का नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सामने आ रही समस्याओं जैसे- ऑक्सीजन की कमी सहित कई मुद्दों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।