मोबाइल समेत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में भी आत्मनिर्भर बनेगा भारत, 50 हजार करोड़ की योजनाएं
सरकार ने भारत को मोबाइल फोन उत्पादन में दुनिया का शीर्ष देश बनाने के साथ ही इलेक्ट्रानिक उत्पादों एवं उसके कलपुर्जाें के उत्पादन को गति देने के लिये 50 हजार करोड़ रुपये की तीन नयी योजनायें शुरू करने की घोषणा की है। जानिये, पूरी खबर..
नयी दिल्ली: सरकार ने भारत को मोबाइल फोन उत्पादन में दुनिया का शीर्ष देश बनाने के साथ ही इलेक्ट्रानिक उत्पादों एवं उसके कलपुर्जों के उत्पादन को गति देने के उद्देश्य से आज करीब 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीन नयी योजनायें शुरू करने की घोषणा की है।
Electronic manufacturing in India has risen from Rs 1.9 lakh crore in 2014 to Rs. 4.58 lakh crore in 20018-19. Our global share in electronic manufacturing has risen from 1.3% to 3% in 2018: Union Minister Ravi Shankar Prasad pic.twitter.com/jrmhxwq3Y2
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— ANI (@ANI) June 2, 2020
इलेक्ट्रानिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुये कहा कि मेक इन इंडिया किसी दूसरे देश को पीछे छोड़ने के लिए नहीं बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। उन्होंने कहा कि इसी के तहत इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के विनिर्माण को पिछले छह वर्षाें में गति मिली है और अभी भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक देश बन चुका है। देश को अगले कुछ वर्षों में दुनिया का शीर्ष देश बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रसाद ने कहा कि इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने और इसके लिए देश में पांच वैश्विक और पांच राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों का निर्माण करने के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपये की तीन नयी योजनायें जिसमें उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) इलेक्ट्रानिक कंपोनेंट एंड सेमीकंडक्टर्स (एसपीईसीएस) और मोडिफाइड इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्लस्टर स्कीम 2.0 (ईएमसी 2.0) शामिल है। (वार्ता)
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