टीएमसी ने सांसदों के निलंबन को ‘तानाशाही’ करार दिया, इसे विपक्ष को दबाने का प्रयास बताया

डीएन ब्यूरो

तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा के 49 सदस्यों के निलंबन की निंदा की और इसे ‘‘तानाशाही’’ रवैया और सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास करार दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

विपक्ष को दबाने का प्रयास बताया
विपक्ष को दबाने का प्रयास बताया


कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा के 49 सदस्यों के निलंबन की निंदा की और इसे ‘‘तानाशाही’’ रवैया और सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास करार दिया।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने संसद में हालिया सुरक्षा चूक मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान की भी मांग की।

संसद से 78 विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को कार्यवाही में बाधा डालने को लेकर लोकसभा के 49 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।

यह भी पढ़ें | पवार ने धनखड़ से संसद में सुरक्षा चूक और सांसदों के निलंबन की जांच कराने को कहा

टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने सवाल किया, ‘‘क्या संसद की सुरक्षा में चूक के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री से बयान की मांग करना अपराध है? अगर वह बयान नहीं देंगे, तो कौन देगा?’’

एक सोशल मीडिया पोस्ट में टीएमसी ने कहा कि विपक्ष को चुप कराने की कोशिशें निरर्थक साबित होंगी।

इसने कहा, ‘‘विपक्ष को चुप करा दिया गया है, 140 से अधिक सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया है। क्यों? केवल चर्चा, बहस और गृह मंत्री अमित शाह से एक बयान की मांग के लिए। भारत का लोकतंत्र खतरे में है।’’

यह भी पढ़ें | विपक्षी सांसदों के निलंबन वापस लेने की मांग पर सरकार ने रखी ये शर्त

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि टीएमसी को दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। जिस तरह वह पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता को नियमित रूप से निलंबित कर रही है, उसे (टीएमसी) लोकतंत्र के बारे में बात करने का हक नहीं है।










संबंधित समाचार