यूजीसी और विशेषज्ञों ने यादवपुर विवि और जामिया हमदर्द को लेकर की ये सिफारिश, जानिये प्रतिष्ठित संस्थान संबंधी मामला

डीएन ब्यूरो

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने प्रतिष्ठित संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस यानी आईओई) के दर्जे के लिए केंद्र द्वारा चयनित यादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जामिया हमदर्द को आईओई की मान्यता न देने की सिफारिश
जामिया हमदर्द को आईओई की मान्यता न देने की सिफारिश


नयी दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने प्रतिष्ठित संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस यानी आईओई) के दर्जे के लिए केंद्र द्वारा चयनित यादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा तमिलनाडु सरकार ने अन्ना विश्वविद्यालय को आईओई का दर्जा देने के अपने पहले के प्रस्ताव को वापस ले लिया है।

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शिक्षा मंत्रालय ने सशक्त विशेषज्ञ समिति (ईईसी) और यूजीसी की सिफारिशों पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शीर्ष अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य सरकार के विश्वविद्यालय यादवपुर विश्वविद्यालय ने शुरू में योजना के तहत 3,299 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान का एक प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद, मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से उसके द्वारा मुहैया कराई जाने वाली राशि के लिए वित्तीय प्रतिबद्धता मांगी थी क्योंकि इस योजना में प्रस्तावित बजट प्रावधान के लिए केवल 1,000 करोड़ रुपये तक की निधि मुहैया कराए जाने और धनराशि कम पड़ने की स्थिति में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निधि की निरंतरता सुनिश्चित करने का प्रावधान है।’’

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अधिकारी ने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल सरकार इस पर सहमत नहीं हुई और उसने प्रस्ताव में बदलाव किया। पहले इसे 1,015 करोड़ रुपए और फिर इसे और भी कम करके 606 करोड़ रुपए किया गया, जिसकी 25 प्रतिशत राशि विश्वविद्यालय द्वारा अपने स्तर पर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव था। बजट प्रावधान में उल्लेखनीय कमी के मद्देनजर यह प्रस्ताव फिर से समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास भेजा गया था और दोनों ने शिक्षा मंत्रालय से विश्वविद्यालय को आईओई का दर्जा नहीं दिए जाने की सिफारिश की।’’

इस मामले में तीनों विश्वविद्यालयों ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।










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