संस्कृति और परंपरा बचाने की अनूठी पहल, पंचायत ने शादी और त्योहारों में बीयर परोसने पर लगाया प्रतिबंध
हिमाचल प्रदेश में आदिवासी बहुल लाहौल और स्पीति जिले में केलांग पंचायत ने त्योहारों और शादियों में बीयर परोसे जाने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है ताकि ऐसे आयोजनों में फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाया जा सके। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
केलांग (हिमाचल प्रदेश): हिमाचल प्रदेश में आदिवासी बहुल लाहौल और स्पीति जिले में केलांग पंचायत ने त्योहारों और शादियों में बीयर परोसे जाने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है ताकि ऐसे आयोजनों में फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाया जा सके। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पंचायत प्रमुख सोनम जांगपो ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि रविवार को हुई ग्राम सभा की बैठक में शादियों और अन्य त्योहारों पर बीयर परोसने पर रोक लगाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया।
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उन्होंने बताया कि बैठक में शादियों और अन्य समारोहों में 'बाहरी संस्कृतियों' के मिश्रण पर अंकुश लगाने पर भी चर्चा हुई।
जिला परिषद सदस्य कुंगा बोध ने उम्मीद जताई कि इस संबंध में जल्द ही सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा क्योंकि युवा भी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के बारे में चिंतित हैं।
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बैठक में केलांग बाजार में वाहनों की एकतरफा आवाजाही व्यवस्था शुरू करने, स्वच्छता बनाए रखने, पंचायत के सौंदर्यीकरण और पर्यटकों को अन्य गंतव्यों की ओर ले जाने पर भी चर्चा की गई। रोहतांग दर्रे के तहत अटल सुरंग के निर्माण के बाद केलांग में पर्यटकों की आमद कई गुना बढ़ गई है।
इससे पहले, किन्नौर जिले की हंगरंग घाटी की सुमरा पंचायत ने शादियों में आदिवासी रीति-रिवाजों का पालन करने और 'बॉलीवुड जैसी शादियों' को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था।