बहुचर्चित निक्कू जायसवाल हत्याकांड में फ़ैसला 28 को: क्या है गैंगेस्टर अनिल गुप्ता के ठहाकों का राज? चर्चाओं का बाज़ार गर्म, क्या परिजनों को मिलेगा इंसाफ़?

डीएन ब्यूरो

गुरुवार को दीवानी कचहरी परिसर में युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल मर्डर केस में फैसला आना था लेकिन अब इसे सुनाने की तारीख 28 अक्टूबर मुकर्रर की गयी है। इस बीच भरी कचहरी में मृतक के भाई अरुण पक्ष के लोगों को चिढ़ाकर हत्या के आरोपी और टॉप टेन अपराधी, गैगेंस्टर, हिस्ट्रीशीटर अनिल गुप्ता ठहाकों पर ठहाके लगा रहा था और लोगों के बीच कह रहा था कि फैसले को लेकर वह निश्चिंत है। इसके बाद से जिले भर में कयासों का दौर प्रारंभ हो गया है और लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल के परिजनों को इंसाफ मिल पायेगा? डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

हत्या का आरोपी टॉप टेन अपराधी अनिल गुप्ता
हत्या का आरोपी टॉप टेन अपराधी अनिल गुप्ता


महराजगंज: दस साल पहले टॉप टेन अपराधी, गैगेंस्टर, हिस्ट्रीशीटर अनिल गुप्ता ने घुघुली थाने के बेलवा टीकर गांव के निवासी और इलाके के प्रमुख व्यवसायी प्रेमलाल जायसवाल के घर के चिराग को बुझा दिया। प्रेमलाल के पुत्र राजमणि उर्फ निक्कू किराने, कपड़े और मोबाइल का व्यापारी था। 

उसका व्यापार में तेजी से आगे बढ़ना कई लोगों को अखर गया फिर क्या तारीख थी 22 मई और साल था 2012, सूर्यास्त के वक्त धोखे से निक्कू को अपने पास बुला बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी गयी। किसी तरह से मृतक का छोटा भाई धीरज अपनी जान बचाकर हत्यारों के चंगुल से भागा। अभी भी उसे लगातार हत्या की धमकियां गैंगेस्टर की तरफ से मिल रही है।

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जिले की कोठीभार पुलिस ने इस मामले में हत्या की एफआईआऱ संख्या 398/2012 धारा 147, 148, 149, 302, 323, 504, 506 भादवि के तहत दर्ज की औऱ आरोप पत्र संख्या ए-81-ए,16 जून को न्यायालय को भेज दिया। 

हत्या के आरोपी अनिल गुप्ता के ठहाकों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

इस बीच दस साल से केस लड़ते-लड़ते अब फैसले की घड़ी नजदीक आ गयी है। 20 अक्टूबर को मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुंदर लाल की कोर्ट अब को अपना फैसला सुनाना था लेकिन अचानक देर शाम साढ़े 6 बजे यह बताया गया कि अब इस केस में फैसला 28 अक्टूबर को सुनाया जायेगा। इससे पहले का घटनाक्रम बेहद चौंकाने वाला है। गुरुवार को भरी कचहरी में हत्या का आरोपी अनिल गुप्ता तनाव मुक्त ठहाके लगाते हुए दिखा। घटना के केन्द्र बिंदु यानि घुघुली थाने के बेलवा टीकर गांव के लोग बड़ी संख्या में निक्कू जायसवाल के पक्ष में आये थे। मृतक के भाई अरुण जायसवाल ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि कल कचहरी में टॉप टेन अपराधी, गैगेंस्टर, हिस्ट्रीशीटर अनिल गुप्ता ठहाकों पर ठहाके लगा रहा था और लोगों के बीच कह रहा था कि फैसले को लेकर वह निश्चिंत है। इसके बाद से हम लोग परेशान हैं कि आखिर उसके इन ठहाकों का राज क्या है? 

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मृतक के बड़े भाई अरुण ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि उसके भाई की हत्या के बाद से ही पूरा परिवार सदमे में है।

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परिवार को न्यायपालिका और भगवान पर पूरा भरोसा है और वे कहते हैं कि निर्भया के दोषियों की तरह एक न एक दिन निक्कू के हत्यारे भी फांसी के फंदे पर लटकेंगे। 

टॉप टेन अपराधी, गैगेंस्टर, हिस्ट्रीशीटर कुख्यात गुंडे अनिल गुप्ता की क्राइम कुंडली

परिजनों के मुताबिक वारदात वाली शाम पहले से घात लगाकर बैठे घुघुली थाने के हिस्ट्रीशीटर व गैंगेस्टर अनिल गुप्ता ने निक्कू की सनसनीखेज तरीके से चाकूओं से गला रेतकर हत्या कर दी।

डाइनामाइट न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि इलाके में अपनी धौंस जमाने और शार्ट कट अपना कम समय में अमीर बनने के सपने ने निक्कू के हत्या के आरोपी अनिल गुप्ता को जरायम के रास्ते पर धकेल दिया। महज दस साल में इस पर तीन-तीन बार बार वर्ष 2014, 2017 और 2020 में तबके जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने गुंडा एक्ट लगा जिला बदर किया। घुघुली पुलिस ने इसके आतंक से आजिज आकर इसकी हिस्ट्रीशीट खोल डाली और इसे थाने के मजारिया हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया। इसकी हिस्ट्रीशीट संख्या 7-बी है। इस पर जिले के अलग-अलग थानों कोतवाली, घुघुली, कोठीभार और ठूठीबारी में एक दर्जन से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज हैं। ये केस हत्या, रंगदारी, वसूली, SCST,सरकारी अधिकारियों से मारपीट, गुंडागर्दी, अराजकता आदि की संगीन धाराओं में दर्ज हैं। सभी में पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय को भेज रखी है। दो साल पहले जिला प्रशासन ने इस पर गैंगेस्टर एक्ट ठोंककर जेल में ठूंसा था और अब यह जिले का टॉप टेन के अपराधियों की सूची में शामिल है। इस बीच इस कुख्यात अपराधी ने पीड़ित पक्ष को हर स्तर पर डराने-धमकाने व तोड़ने की कोशिश की लेकिन परिजनों के हौसले को यह तोड़ नहीं पाया। 

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मृतक निक्कू के भाई अरुण जायसवाल ने डाइनामाइट न्यूज़ को रोते हुए बताया कि दस साल से पूरे परिवार वाले इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं। अरुण ने बताया कि अपने भाई के कातिल को सजा दिलाने के लिए वह हर स्तर पर लड़ेगा चाहे हाईकोर्ट हो या फिर सुप्रीम कोर्ट हर दर पर इंसाफ और न्याय के लिए गुहार लगायेगा। 

हर कहीं चर्चा का विषय बन चुके इस बहुचर्चित केस में अब जिले वासियों की निगाह 28 अक्टूबर को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आने वाले फैसले पर बेसब्री से टिक गयी हैं।










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