प.बंगाल: डब्ल्यूबीबीएसई ने हड़ताल के दौरान स्कूलों में अनुपस्थित शिक्षकों के नामों की सूची मांगी
पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) ने स्कूलों के जिला निरीक्षकों (डीआई) से राज्य के सरकारी स्कूलों के उन शिक्षण/गैर-शिक्षण कर्मचारियों के नामों की सूची मांगी है जो 10 मार्च को सरकारी कर्मचारी के एक वर्ग द्वारा बुलाई गई हड़ताल के दौरान स्कूलों में उपस्थित नहीं थे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोलकाता: पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) ने स्कूलों के जिला निरीक्षकों (डीआई) से राज्य के सरकारी स्कूलों के उन शिक्षण/गैर-शिक्षण कर्मचारियों के नामों की सूची मांगी है जो 10 मार्च को सरकारी कर्मचारी के एक वर्ग द्वारा बुलाई गई हड़ताल के दौरान स्कूलों में उपस्थित नहीं थे।
जिला निरीक्षकों को 12 अप्रैल तक ऐसे सभी अनुपस्थित शिक्षकों और स्कूलों के गैर शिक्षण कर्मचारियों की सूची भेजने को कहा गया है।
डब्ल्यूबीबीएसई मध्य मार्च से शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भेजकर उनकी अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण मांग रहा था।
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डब्ल्यूबीबीएसई के अध्यक्ष रामानुज गांगुली ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया, 'अनुपस्थित शिक्षकों/गैर शिक्षक कर्मचारियों की संख्या एक या दो में देने के बजाय, स्कूलों के संबंधित जिला निरीक्षक दो दिनों के भीतर पूरी सूची संकलित करें और दें।'
डब्ल्यूबीबीएसई ने सोमवार को जारी नोटिस में जिला निरीक्षकों को 12 अप्रैल की दोपहर दो बजे तक अनुपस्थित रहने वाले बाकी कर्मचारियों के नाम जमा करने को कहा है।
भाजपा के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि यह नोटिस ममता बनर्जी सरकार के सरकारी कर्मचारियों के प्रति प्रतिशोधात्मक रवैये को दर्शाता है, जिसमें शिक्षक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ महंगाई भत्ता (डीए) में असमानता को पाटने की उचित मांग के लिए लड़ रहे हैं।
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वहीं, तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि यह एक प्रशासनिक निर्णय था और पार्टी का नोटिस से कोई लेना-देना नहीं है।