Astrology News: शुक्र की वक्री चाल पड़ेगी किस पर भारी, इन 3 राशियों को मिलेगा फायदा; जानिये
शुक्र ग्रह की विपरीत दिशा की चाल शुरू हो गई है, जिससे कुछ राशियों को लाभ और कुछ को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह का विशेष महत्व होता है और इस समय शुक्र मीन राशि में विराजमान हैं, जो गुरु की राशि मानी जाती है। 28 जनवरी 2025 को शुक्र का मीन राशि में गोचर (किसी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश) हुआ था। इसके बाद 2 मार्च को सुबह 06:04 बजे शुक्र वक्री (जब कोई ग्रह अपनी सामान्य दिशा के विपरीत दिशा में चलता है) हो गए और अब 12 अप्रैल तक उल्टी चाल चलेंगे।
शुक्र की वक्री चाल कुछ राशियों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है, जबकि कुछ राशियों के लिए यह मुश्किलों का समय ला सकती है। इन बदलावों का प्रभाव व्यक्तिगत राशियों पर अलग-अलग हो सकता है।
इन 3 राशियों को मिलेगा फायदा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र ग्रह का वक्री गोचर कुछ राशियों के लिए शुभ संकेत लेकर आया है। तुला, वृषभ और मेष राशि के जातकों को इस दौरान विशेष लाभ मिल सकता है।
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तुला राशि: शुक्र की वक्री चाल तुला राशि के लोगों के लिए खास फायदेमंद साबित हो सकती है। खासकर बिजनेस करने वालों के लिए यह समय सकारात्मक रहेगा। इस दौरान धन का आगमन होगा और कुछ जातक कर्ज से मुक्त हो सकेंगे। फैमिली के साथ यात्रा करने का भी अवसर मिलेगा। इसके अलावा, निवेश करने के लिए यह समय उपयुक्त रहेगा, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर बेहद लाभकारी हो सकता है। ग्रहों के शुभ प्रभाव से कुछ जातकों को मुनाफा होने की संभावना है। जीवन में आ रही परेशानियों का हल धीरे-धीरे निकलेगा। परिवार में खुशहाली का माहौल रहेगा और मानसिक शांति बनाए रखने के लिए पूजा-पाठ में समय बिताना फायदेमंद रहेगा। लव लाइफ में रोमांस और खुशियों का संचार रहेगा।
मेष राशि: मेष राशि के लिए शुक्र की वक्री चाल सकारात्मक परिणाम ला सकती है। इस समय अच्छे समाचार मिलेंगे और व्यापार में उन्नति होगी। आर्थिक स्थिति में पहले के मुकाबले सुधार आएगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा और रिश्तों में सामंजस्य बनेगा। पूजा-पाठ में मन लगाकर आप मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।
शुक्र वक्री का अर्थ है
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ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर का विशेष महत्व होता है। जब कोई ग्रह अपनी सामान्य दिशा के विपरीत दिशा में दिखाई देता है, तो उसे वक्री ग्रह कहा जाता है। इसका मतलब यह नहीं होता कि ग्रह सचमुच अपनी दिशा बदल रहा होता है, बल्कि यह एक आभासी गति है। शुक्र ग्रह के वक्री होने का अर्थ है कि वह अपने सामान्य मार्ग के विपरीत गति करता हुआ दिखाई देता है।
वक्री शुक्र का प्रभाव
जब शुक्र वक्री होता है, तो ज्योतिषियों के अनुसार यह समय रिश्तों, मूल्यों और आत्म-मूल्य का पुनर्मूल्यांकन करने का होता है। इस दौरान व्यक्ति अपने रिश्तों और व्यक्तिगत जीवन की दिशा पर विचार करता है। वक्री शुक्र के दौरान पुराने संबंधों में सुधार या पुनः संपर्क की संभावना हो सकती है, वहीं नए संबंधों में भी कुछ असमंजस पैदा हो सकते हैं।