Navratri Akhand Jyoti: जानिए नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के नियम
नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाना एक पवित्र और धार्मिक परंपरा है। इसके जलाने के नियमों का पालन करना जरूरी है ताकि इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी खबर

नई दिल्ली: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की पूजा और आराधना का महत्वपूर्ण अवसर है। इस दौरान भक्तगण देवी माँ के नौ रूपों की पूजा करते हैं और उपवासी व्रत रखते हैं। नवरात्रि में एक विशेष परंपरा है – अखंड ज्योति जलाना। यह ज्योति न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने के रूप में भी देखा जाता है। आज हम जानेंगे कि अखंड ज्योति जलाने के क्या नियम होते हैं, इसके फायदे क्या हैं और यदि किसी कारणवश यह ज्योति बुझ जाए तो हमें क्या करना चाहिए।
अखंड ज्योति जलाने के नियम
सही स्थान का चयन: अखंड ज्योति जलाने के लिए सबसे पहले घर में एक पवित्र और शुभ स्थान का चयन करें। यह स्थान मंदिर, पूजा स्थल या घर के एक ऐसे हिस्से में हो सकता है जहाँ हर समय स्वच्छता बनी रहे। जगह का चुनाव ऐसा करें जहाँ किसी प्रकार की विघ्न-व्यवधान न हो और वहाँ पर्याप्त रोशनी भी हो।
दीपक और तेल का चयन: अखंड ज्योति जलाने के लिए उबला हुआ घी या शुद्ध तेल का उपयोग करना सही रहता है। एक साफ और मिट्टी का दीपक या थाली लें, उसमें तेल भरें और उसमें बत्ती लगाकर दीपक को जलाएं।
समान समय पर दीपक जलाएं: नवरात्रि के पहले दिन एक निश्चित समय पर अखंड ज्योति जलाना महत्वपूर्ण है। इस ज्योति को निरंतर 9 दिनों तक जलाए रखना चाहिए। इसके अलावा हर दिन समय पर दीपक को साफ करें और तेल भरें।
पूजा का विधान: अखंड ज्योति के पास हर दिन देवी माँ की पूजा करनी चाहिए। एक समय निश्चित करें, जिसमें आप देवी के मंत्रों का जाप करें। हर दिन दीपक के पास प्रसाद चढ़ाएं और संतान सुख व समृद्धि की कामना करें।
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अखंड ज्योति जलाने के फायदे
घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार: अखंड ज्योति का प्रज्वलित होना घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का प्रतीक माना जाता है। यह घर में सुख-समृद्धि और सद्भाव लाने में मदद करता है।
मन की शांति और संतुलन: जब हम नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाते हैं, तो यह हमें मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। यह ध्यान और ध्यान केंद्रित करने में सहायक होता है।
बुरी शक्तियों से रक्षा: घर में अखंड ज्योति का जलना बुरी आत्माओं और नकारात्मकता से रक्षा करता है। यह देवी की कृपा से घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
पुर्न्य का संग्रह: अखंड ज्योति को जलाना एक पवित्र कार्य है, जिससे जीवन में पुण्य का संग्रह होता है। यह व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और भक्ति की भावना को जागृत करता है।
अगर ज्योति बुझ जाए तो क्या करें?
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अखंड ज्योति को जलाने के दौरान यदि किसी कारणवश दीपक बुझ जाए, तो घबराने की कोई बात नहीं है। यह सामान्य बात है और इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। हालांकि, इसे तुरंत पुनः प्रज्वलित करना चाहिए।
नए तेल से दीपक भरें: यदि दीपक बुझ जाए तो पहले उसे अच्छे से साफ करें और फिर ताजे तेल से उसे भरकर पुनः जलाएं।
ज्योति का पुनः प्रज्वलन: दीपक बुझने के बाद इसे पुनः जलाते समय ध्यान रखें कि उस स्थान पर कोई विघ्न न हो। दीपक को जलाते वक्त, अपने मन में देवी माँ का ध्यान करें और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
सकारात्मक विचार रखें: दीपक को जलाने के समय सकारात्मक विचार रखें और मन में अच्छे भावनाओं का समावेश करें। यह दीपक देवी माँ की कृपा से फिर से जल उठेगा और घर में खुशहाली लाएगा।